5 करोड़ रुपए होंगे खर्च, भोपाल-इंदौर हाईवे पर बनेगा विक्रमादित्य द्वार, सीएम ने किया भूमिपूजन

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By Raj RathorePublished On: December 13, 2025
Vikram Aditya Gate

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और इंदौर को जोड़ने वाले स्टेट हाईवे पर जल्द ही एक भव्य प्रवेश द्वार नजर आएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को हुजूर विधानसभा क्षेत्र के फंदा में प्रस्तावित ‘सम्राट विक्रमादित्य द्वार’ का विधिवत भूमिपूजन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने एक बड़ी घोषणा करते हुए फंदा क्षेत्र का नाम बदलकर ‘हरिहर नगर’ करने का ऐलान किया। कार्यक्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत भोपाल में बनने वाले अत्याधुनिक ई-बस डिपो की आधारशिला भी रखी।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार विरासत और विकास के समन्वय के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने जानकारी दी कि राजधानी भोपाल में कुल 9 भव्य स्वागत द्वार बनाए जा रहे हैं। इन द्वारों का नामकरण राजा भोज, सम्राट विक्रमादित्य, भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण जैसे महापुरुषों के नाम पर किया जाएगा। यह द्वार केवल प्रवेश का माध्यम नहीं होंगे, बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को आधुनिक शहरी विकास से जोड़ने का प्रतीक भी बनेंगे।

5 करोड़ की लागत 

भोपाल-सीहोर रोड पर बनने वाला यह प्रवेश द्वार भारतीय स्थापत्य कला का एक बेजोड़ नमूना होगा। लगभग 5 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाले इस द्वार की ऊंचाई 24.4 फीट होगी। सिक्सलेन सड़क पर तीन पिलरों पर टिके इस द्वार की कुल चौड़ाई 30 मीटर होगी, जिसमें 5 मीटर का हरित सेंट्रल वर्ज (Green Central Verge) भी शामिल रहेगा। इंदौर की तरफ से भोपाल में प्रवेश करते समय यह द्वार सम्राट विक्रमादित्य की भव्य प्रतिमा के साथ आगंतुकों का स्वागत करेगा।

सामाजिक बदलाव की अपील

विकास कार्यों के साथ-साथ मुख्यमंत्री ने सामाजिक सरोकारों पर भी खुलकर बात की। उन्होंने मृत्यु भोज और शादियों में होने वाली फिजूलखर्ची को समाज के लिए हानिकारक बताया। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे दिखावे के चक्कर में अपनी पुश्तैनी जमीन न बेचें और न ही कर्ज के बोझ तले दबें।

“मृत्यु होने पर बड़े खर्च की परंपरा गलत है। कई बार गरीब परिवार दिखावे के दबाव में जमीन गिरवी रख देता है। यह जमीन बुजुर्गों की अमानत होती है, इसे बचाना जरूरी है। समाज सुधार केवल भाषणों से नहीं, बल्कि उदाहरण प्रस्तुत करने से होता है।” — डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री

सादगी का उदाहरण पेश करते हुए उन्होंने अपने बेटे अभिमन्यु और बहू डॉ. इशिता के विवाह का जिक्र किया, जो हाल ही में उज्जैन में सामूहिक विवाह सम्मेलन में संपन्न हुआ था। उन्होंने कहा कि संपन्न होने के बावजूद सादगी अपनाना समाज को एक सकारात्मक संदेश देता है।

विकास का रोडमैप

मुख्यमंत्री ने भोपाल और उसके आसपास के क्षेत्रों के विकास का विजन भी साझा किया। उन्होंने बताया कि भोपाल, सीहोर, विदिशा, रायसेन और नर्मदापुरम को मिलाकर एक मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र विकसित किया जा रहा है। इसी तर्ज पर इंदौर के साथ उज्जैन, धार, देवास और शाजापुर को जोड़कर एक बड़े शहरी क्लस्टर की योजना तैयार की गई है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि लाड़ली बहना योजना जैसी महिला सशक्तिकरण की पहलों पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है।