Kolkata Doctor Rape&Murder Case: ‘पीड़िता ने लगातार 48 घंटे काम किया’, CBI जांच में खुलासा

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By Srashti BisenPublished On: August 18, 2024

Kolkata Doctor Rape&Murder Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष से कई घंटों तक पूछताछ की। इस पूछताछ का उद्देश्य स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के मामले की गहराई से जांच करना था।

चेस्ट मेडिसिन विभाग के रोस्टर की जांच

सीबीआई के अधिकारियों ने डॉ. घोष से उस चेस्ट मेडिसिन विभाग के साप्ताहिक रोस्टर के बारे में पूछा, जहां पीड़िता काम करती थी। पूर्व प्रिंसिपल ने बताया कि प्रशिक्षु डॉक्टर नियमित रूप से 48 घंटे तक लगातार काम करती थी, जिससे उनकी कामकाजी स्थिति और दबाव की स्थिति की ओर इशारा मिलता है।

घटना की रात की घटनाओं पर फोकस

जांचकर्ताओं ने डॉ. घोष से पूछताछ की कि प्रशिक्षु डॉक्टर की मौत की रात वह कहाँ थे और उनकी प्रारंभिक प्रतिक्रिया क्या थी। उन्होंने यह भी पूछा कि इस घटना के बाद परिवार को सूचित करने की प्रक्रिया कैसी रही और पुलिस से संपर्क किसने और कैसे किया।

बयानों का मिलान और नमूने एकत्रित करना

सीबीआई ने डॉ. घोष के बयानों की तुलना उस रात अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों, प्रशिक्षुओं और नर्सों द्वारा दिए गए बयानों से की। इस दौरान, अधिकारियों ने नमूने भी एकत्रित किए और उन्हें केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजा।

घटनास्थल की जांच: शंभुनाथ पंडित स्ट्रीट पर रॉय का किराए का घर

जांच की टीम ने दक्षिण कोलकाता में शंभुनाथ पंडित स्ट्रीट पर स्थित रॉय के किराए के घर का दौरा किया। यहां उन्होंने प्रशिक्षु डॉक्टर की माँ से उनकी हाल की गतिविधियों के बारे में पूछताछ की और उनका लिखित बयान लिया।

इस्तीफा और आगे की जांच

डॉ. संदीप घोष ने 9 अगस्त को प्रशिक्षु डॉक्टर का शव मिलने के दो दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। सीबीआई ने डॉक्टरों और पुलिस अधिकारियों समेत लगभग 40 लोगों की सूची तैयार की है, जिनसे पूछताछ की जाएगी। अब तक, जांच एजेंसी 20 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है।

चिकित्सा समुदाय का विरोध और प्रभाव

यह घटना 9 अगस्त को आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के मृत पाए जाने के साथ शुरू हुई, जिसके बाद चिकित्सा समुदाय ने देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। इस घटना ने चिकित्सा क्षेत्र में सुरक्षा और कार्य परिस्थितियों के संबंध में गहरी चिंता उत्पन्न की है।