कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार, 11 जुलाई 2025 को केंद्र की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार संविधान को बदलने की कोशिश कर रही है। भुवनेश्वर में ‘संविधान बचाओ समावेश’ नामक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने दावा किया कि भाजपा संविधान से “धर्मनिरपेक्षता” और “समाजवाद” जैसे शब्द हटाना चाहती है। खरगे ने कहा, “भाजपा का असली मिशन है – संविधान को कमजोर करना और बदलना।” उन्होंने आगे कहा कि दलित, आदिवासी, महिलाएं और युवा आज सुरक्षित नहीं हैं।
वन अधिकार कानून को कमजोर कर रही केंद्र सरकार?

खरगे ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2006 में वन अधिकार अधिनियम (Forest Rights Act) लाकर आदिवासियों और गरीबों के हक की रक्षा की थी। लेकिन अब भाजपा सरकार इस कानून को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए जंगलों को नष्ट किया जा रहा है। खरगे बोले, “अगर आदिवासी, दलित और युवा अपने हक की लड़ाई नहीं सीखेंगे, तो उनका हक भी छीन लिया जाएगा।” उन्होंने कहा कि मोदी सरकार केवल उद्योगपतियों के हित में काम कर रही है और आम लोगों की समस्याओं से दूर है।
ओडिशा में दलितों पर अत्याचार के आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष ने ओडिशा में दलितों और अधिकारियों पर हो रहे हमलों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में गंजाम जिले में दो दलित पुरुषों को अपमानित किया गया – उनका सिर मूंड दिया गया, उन्हें घास खाने और गंदा पानी पीने पर मजबूर किया गया। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भुवनेश्वर में एक सरकारी अधिकारी पर भी सरेआम हमला किया गया। खरगे ने इन घटनाओं को भाजपा समर्थकों की करतूत बताया और कहा कि ऐसे हालात संविधान की आत्मा को चोट पहुंचा रहे हैं।
सरकारी संपत्तियों का निजीकरण – किसके लिए?
खरगे ने केंद्र सरकार पर देश की संपत्तियां बेचने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश में 160 सार्वजनिक उपक्रम (PSUs) बनाए थे, लेकिन मोदी सरकार ने उनमें से 23 कंपनियों का निजीकरण कर दिया। उनका आरोप था कि भाजपा सरकार इन संपत्तियों को अपने खास उद्योगपति मित्रों को बेच रही है। खरगे ने कहा, “मोदी जी का असली एजेंडा है – संविधान को बदलना और देश की संपत्तियों को अपने दोस्तों को देना। उन्होंने 2024 के चुनाव में 400 सीटें मांगीं थीं, ताकि वे आसानी से संविधान में बदलाव कर सकें।”