योजना आयोग में गैर राजनीतिक एक्सपर्ट्स करें शामिल

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By Ayushi JainPublished On: March 10, 2021

जितने भी प्रोजेक्ट बनते हैं उनके टेंडर की स्वीकृति उस विभाग के साथ योजना आयोग से भी स्वीकृत होना चाहिए। ताकि वास्तविक लागत पर वह प्रोजेक्ट बन सके अभी एक विभाग द्वारा टेंडर बुलाकर प्रोजेक्ट स्वीकृत होते है यहा गड़बड़ी के चांस हो सकते हैं पर योजना आयोग की विवेचना से वास्तविक लागत पर निर्माण हो सकते हैं।

जिससे सरकार का करोड़ों रुपया बचेगा और योजना आयोग के प्रभाव से इस्ट्रिक्ट सुपर विजन में स्पेसिफिकेशन अनुसार ही काम होगा जिससे काम की क्वालिटी बनी रहेगी। सरकार ऐस्टीमेटिंग और टेंडर सिस्टम में जितनी भी पारदर्शिता रखेगे सरकार के प्रति जनमानस उतना ही मजबूत होगा, कहां कितना रुपए खर्च होता है यदि यह पारदर्शिता आम आदमी तक पहुंचने की हो सकेगी तो भ्रष्टाचार भी अपने आप कम होगा।

आज मीडिया एक सशक्त सजग प्रहरी है पर कभी-कभी उसे भी नींद के झोंके आ जाते हैं और वह उन बिंदुओं को नहीं उठाते जहां सरकार से गलती होती है, फिलहाल में ही उदाहरण ले ममता बनर्जी ने रैली निकाली क्या उसमें सभी ने मास्क लगा रखे थे सोशल डिस्टेंसिंग थी भाजपा की सभा थी क्या उसमें सभी ने मास्क लगाए थे सोशल डिस्टेंसिंग थी उसमे सैनिटाइजिंग किया हुआ था। मीडिया उन दोनों को दिखा रहा है पर एक शब्द नहीं बोला कि  कोरोना से बचाव के नियम का पालन नहीं दिख रहा।

अशोक मेहता, वास्तु एवं पर्यावरणविद्, इंदौर