मानसून के बाद शुरू होगा इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन का काम, सिंहस्थ 2028 से पहले चौड़ी सड़क का मिलेगा लाभ

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By Raj RathorePublished On: September 8, 2025

इंदौर और उज्जैन को जोड़ने वाली छह लेन सड़क का काम फिलहाल बरसात की वजह से धीमी गति से चल रहा है। जैसे ही मानसून का मौसम समाप्त होगा, निर्माण कार्य फिर से तेजी से आगे बढ़ेगा। इंदौर वाले हिस्से में काम की शुरुआत बाकी है, जबकि सांवेर, तराना और निनौरा क्षेत्र में निर्माण जारी है। बारिश और गड्ढ़ों से भरे रास्तों के कारण यात्रियों को इंदौर से उज्जैन पहुंचने में समय ज्यादा लग रहा है। परेशान होकर कई वाहन चालक उज्जैन से देवास होकर इंदौर का रुख कर रहे हैं।


दोनों ओर लेन का विस्तार और पुलिया तोड़ने का काम जारी

फिलहाल चार लेन सड़क को चौड़ा करने के लिए दोनों तरफ एक-एक नई लेन का बेस तैयार किया जा रहा है। इस दौरान कई जगहों पर पुरानी पुलिया तोड़ी जा रही है। निर्माण एजेंसी का मुख्य फोकस पहले ब्रिज बनाने पर है, ताकि वे समय सीमा में पूरे हो सकें। पिछले कुछ महीनों में बाधक निर्माणों को हटाने का काम भी किया गया, लेकिन इंदौर वाले हिस्से में अभी भी सबसे ज्यादा अड़चनें हैं। यही वजह है कि वहां अब तक मुख्य निर्माण की शुरुआत नहीं हो पाई है।

उज्जैन रोड को जोड़ने के लिए नई सड़कें भी तैयार

इस सिक्सलेन प्रोजेक्ट को और ज्यादा सुविधाजनक बनाने के लिए एमआर-12 सड़क का निर्माण किया जा रहा है। यह सड़क सीधे इंदौर बायपास से उज्जैन रोड को जोड़ेगी। इसके अलावा, सरकार ने पितृ पर्वत से लेकर उज्जैन के चिंतामन गणेश मंदिर क्षेत्र तक 50 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने की भी मंजूरी दी है। इस नए कनेक्शन से यात्रियों को ट्रैफिक से राहत मिलेगी और यात्रा का समय भी घटेगा।

डेढ़ हजार करोड़ की लागत से तैयार होगा सिक्सलेन

करीब 12 साल पहले सिंहस्थ मेले से पहले इंदौर-उज्जैन रोड को फोरलेन किया गया था। अब उसी सड़क को छह लेन में तब्दील किया जा रहा है। अरविंदो अस्पताल चौराहा (इंदौर) से लेकर हरिफाटक ब्रिज (उज्जैन) तक 48 किलोमीटर सड़क को चौड़ा किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 1500 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

रहवासियों की नाराजगी और व्यावसायिक असर

इस प्रोजेक्ट में कुल पांच बड़े ब्रिज भी शामिल हैं। इनमें सांवेर क्षेत्र का ब्रिज विवादों में है। यहां लंबे समय से सड़क किनारे होटल और रेस्त्रां का कारोबार फल-फूल रहा था। यात्रियों की भीड़ नाश्ते और आराम के लिए यहां रुकती थी। लेकिन ब्रिज बनने के बाद गाड़ियां सीधे निकल जाएंगी, जिससे कारोबार प्रभावित होने की आशंका है।

दो साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट

सरकारी योजना के मुताबिक यह सड़क दो साल में बनकर तैयार हो जाएगी। परियोजना पूरी होने पर इंदौर और उज्जैन के बीच यात्रा का समय घटेगा और सफर भी सुरक्षित और आरामदायक होगा। साथ ही, सिंहस्थ जैसे बड़े आयोजनों में ट्रैफिक दबाव को संभालना आसान हो जाएगा।