नई दिल्ली : आज लाहौल घाटी के बाशिंदों के लिए सबस बड़ा दिन है। क्योंकि आज अटल टनल का पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किया है। इस टनल का नाम साल 2019 में वाजपेयी के नाम पर अटल सुरंग रखा गया था। पीरपंजाल की पहाड़ी को भेद कर 3200 करोड़ की लागत से यह टनल दुनिया की सबसे ऊंचाई पर हाईवे पर बनी है। इसके उद्घाटन के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद।
वहीं इसके संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आज सिर्फ अटल जी का ही सपना पूरा नहीं हुआ है, बल्कि हिमाचल प्रदेश के करोड़ों लोगों का दशकों पुराना इंतजार खत्म हुआ है। उन्होंने ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे अटल टनल के लोकार्पण का अवसर मिला है। आगे उन्होंने ने बताया कि अक्सर लोकार्पण की चकाचौंध में वो लोग कहीं पीछे रह जाते हैं, जिनके परिश्रम से ये सब संभव हुआ है। इस महायज्ञ में अपना पसीना बहाने वाले, अपनी जान जोखिम में डालने वाले, मेहनतकश जवानों, इंजीनियरों और मजदूर भाई बहनों को मैं नमन करता हूं। अटल टनल लेह, लद्दाख की लाइफलाइन बनेगी।
मोदी ने कहा लेह-लद्दाख के किसानों, बागवानों और युवाओं के लिए भी अब देश की राजधानी दिल्ली और दूसरे बाजारों तक पहुंच आसान हो जाएगी। अटल टनल से मनाली और केलांग के बीच की दूरी 3-4 घंटे कम हो ही जाएगी। पहाड़ के मेरे भाई-बहन समझ सकते हैं कि पहाड़ पर 3-4 घंटे की दूरी कम होने का मतलब क्या होता है।
अटल टनल भारत के बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को नई ताकत देने वाली है। ये विश्व स्तरीय बॉर्डर कनेक्टिविटी का जीता-जागता उदाहरण है। बीते 6 वर्षों में हमारी सरकार ने पुरानी स्थिति को बदलने की दिशा में अभूतपूर्व प्रयास किया है। हिमालय क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर, कारगिल, लेह-लद्दाख, उत्तराखंड, सिक्किम में अनेकों प्रोजेक्ट्स पूरे किए जा चुके हैं। साथ ही दर्जनों प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम चल रहा है।










