होली का पर्व पूरे देश में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह उत्सव हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को आता है, जब चारों ओर रंगों की बौछार होती है। इस दिन लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हैं। होली न केवल सामाजिक भेदभाव को मिटाने का प्रतीक है, बल्कि एकता और सौहार्द का भी संदेश देती है। भारत के विभिन्न शहरों में इसे अलग-अलग परंपराओं और अनूठे अंदाज में मनाया जाता है। आज हम आपको उन खास शहरों के बारे में बताएंगे, जहां की होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है और जिसे देखने के लिए हर साल हजारों पर्यटक भारत आते हैं।
कब मनाई जाएगी होली?
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि सुबह 10:35 बजे से प्रारंभ होगी और 14 मार्च को दोपहर 12:23 बजे समाप्त होगी। होलिका दहन 13 मार्च को किया जाएगा, जबकि रंगों का उत्सव, होली, इस वर्ष 14 मार्च को धूमधाम से मनाया जाएगा।
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1. बरसाना और नंदगांव की लठमार होली
बरसाना और नंदगांव की होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है। मान्यता है कि होली के दिन भगवान श्रीकृष्ण अपने सखाओं के साथ बरसाना पहुंचे, जहां राधा रानी और गोपियों ने उनके साथ रंग खेलने की शुरुआत की। खेल-खेल में श्रीकृष्ण ने गोपियों से हास-परिहास किया, जिससे नाराज होकर राधा और गोपियां लाठियां लेकर कृष्ण और उनके सखाओं को दौड़ाने लगीं। तभी से यह अनोखी परंपरा लठमार होली के रूप में प्रचलित हो गई, जो आज भी उसी उत्साह के साथ निभाई जाती है।
2. हंपी
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कर्नाटक के विजयनगर जिले में स्थित हंपी की होली अपनी अनूठी परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां होली के अवसर पर पारंपरिक लोकगीत गाए जाते हैं और रंगों के बीच नृत्य किया जाता है। रंग खेलने के बाद लोग तुंगभद्र नदी में स्नान करके इस उत्सव का समापन करते हैं। हंपी की होली में न केवल स्थानीय लोग बल्कि विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में शामिल होते हैं, जिससे यह उत्सव और भी खास बन जाता है।
3. कुमाऊं की अनोखी होली
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र की होली अपनी अनूठी परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां होली तीन प्रकार की होती है—बैठकी होली, खड़ी होली और महिलाओं की होली। रंगों की इस खूबसूरत परंपरा में संगीत का विशेष महत्व है। कुमाऊं की होली पारंपरिक गीतों और सुरों से सजी होती है, जो इसे अन्य स्थानों की होली से अलग बनाती है।
4. गोवा की शिग्मो होली
गोवा में होली के दौरान प्रसिद्ध शिग्मोत्सव मनाया जाता है, जिसे शिग्मो के नाम से भी जाना जाता है। यह भव्य उत्सव 14 दिनों तक चलता है, जिसमें हर शहर में पारंपरिक लोक नृत्य और संगीतमय कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। सड़कों पर रंगीन झांकियां सजाई जाती हैं और मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है। इस अनोखी होली को देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक गोवा पहुंचते हैं।