प्रदेश में फिलहाल एक साथ तीन अलग-अलग वेदर सिस्टम सक्रिय हैं। इनमें से एक द्रोणिका रेखा (ट्रफ लाइन) सीधे मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है। इसी कारण राज्य के कई हिस्सों में लगातार वर्षा दर्ज की जा रही है। शनिवार को सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक नर्मदापुरम में 24 मिमी, नरसिंहपुर में 13 मिमी, खरगोन में 11 मिमी, शिवपुरी में 10 मिमी, गुना में 6 मिमी, दमोह में 4 मिमी, छिंदवाड़ा में 3 मिमी, उज्जैन में 2 मिमी, जबकि इंदौर, पचमढ़ी, रीवा और मलाजखंड में 1-1 मिमी बारिश हुई। वहीं, ग्वालियर में अधिकतम 35.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो प्रदेश में सबसे अधिक रहा।
रविवार और सोमवार का मौसम पूर्वानुमान
मौसम विभाग का कहना है कि रविवार को भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, रीवा, शहडोल, इंदौर और उज्जैन संभागों में मध्यम वर्षा होने की पूरी संभावना है। इसके अलावा बाकी क्षेत्रों में भी गरज-चमक के साथ हल्की बौछारें पड़ सकती हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि सोमवार से बारिश का दौर और भी ज्यादा तेज़ हो सकता है, जिससे कई जिलों में भारी वर्षा देखने को मिल सकती है।
अंडमान से उठे चक्रवात का असर
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, वर्तमान में उत्तरी अंडमान सागर और म्यांमार तट के पास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवातीय प्रणाली बनी हुई है। यह सिस्टम सोमवार तक बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भाग में पहुंच सकता है। इसके सक्रिय होने के बाद मध्य प्रदेश के कई इलाकों में बारिश की तीव्रता बढ़ सकती है।
इन जिलों में बरसेंगे बादल
मौसम विभाग ने जिन जिलों में आज बारिश की संभावना जताई है, उनमें भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, इंदौर, धार, झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, मऊगंज, मैहर, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, आगर मालवा, देवास, मंदसौर, नीमच, रतलाम, शाजापुर और उज्जैन शामिल हैं। इन जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज हो सकती है।
नए सिस्टम से बढ़ेगी बारिश की रफ्तार
उत्तर-पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के ऊपर हवा के ऊपरी हिस्से में चक्रवात सक्रिय है। इससे जुड़ी द्रोणिका रेखा मध्य प्रदेश होते हुए विदर्भ तक फैली है। मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला के अनुसार, इस समय लगातार नमी का प्रवाह प्रदेश की ओर आ रहा है, जिससे बारिश का सिलसिला बना हुआ है। वहीं, 25 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में एक नया लो-प्रेशर एरिया बनने वाला है, जिसके प्रभाव से मध्य प्रदेश में वर्षा की गतिविधियां और तेज़ हो जाएंगी।