सरकारी कर्मचारियों को लगा बड़ा झटका, पेंशन नियम में बदलाव, रिटायरमेंट लाभ और ग्रेच्युटी पर पड़ेगा असर

कार्मिक मंत्रालय के आदेश के तहत यदि किसी कर्मचारी को नौकरी से निकाला जाता है तो संबंधित मंत्रालय उस फैसले की समीक्षा करेंगे। मंत्रालय इस बात की जांच करेगा कि कर्मचारियों को निकाले जाने का फैसला उचित है अथवा अनुचित।

Kalash Tiwary
Kalash Tiwary
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PSU Pension Rule : सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है केंद्र सरकार द्वारा पेंशन से जुड़े नियम में बदलाव किया गया है। जिसके तहत अब कर्मचारियों को बड़ा झटका लग सकता है। नौकरी से निकाले जाने पर उन्हें रिटायरमेंट के लाभ उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे।

इतना ही नहीं पेंशन और ग्रेच्युटी जैसे लाभ भी जब्त कर लिए जाएंगे। केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 2021 में महत्वपूर्ण बदलाव कर दिया गया है। जिसके तहत यदि कोई भी सरकारी कर्मचारी गलत तरीके से काम करने की वजह से नौकरी से निकाला जाता है तो उसे रिटायरमेंट के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया जाएगा।

पेंशन और ग्रेच्युटी जैसे लाभ होंगे जब्त

अब तक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में जुड़े कर्मचारियों को बर्खास्त करने या सेवा से हटाए जाने की स्थिति में उसे रिटायरमेंट का लाभ उपलब्ध कराया जाता था। जिसके कारण उन्हें पेंशन और ग्रेच्युटी जैसे लाभ सुरक्षित रहते थे लेकिन अब इसमें संशोधन कर दिया गया है।

मंत्रालय कर सकेंगे इस फैसले की समीक्षा

कार्मिक मंत्रालय के आदेश के तहत यदि किसी कर्मचारी को नौकरी से निकाला जाता है तो संबंधित मंत्रालय उस फैसले की समीक्षा करेंगे। मंत्रालय इस बात की जांच करेगा कि कर्मचारियों को निकाले जाने का फैसला उचित है अथवा अनुचित। अगर मंत्रालय को यह लगता है कि फैसला गलत था तो उसे बदला जा सकता है। वहीं गलती से बर्खास्त या हटाए गए कर्मचारियों को भविष्य में अच्छे आचरण के आधार पर पेंशन या फैमिली पेंशन दी जा सकती है।

आदेश जारी 

मामले में पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग की तरफ सीसीएस पेंशन नियम 2021 के नियम 37 29 (ग) में संशोधन किया गया है। इसके तहत किसी कर्मचारी के सार्वजनिक क्षेत्र के उपकरण में आवेदन के पश्चात किसी भी कदाचार में उसकी संलिप्तता पाई जाने पर उसे ऐसे उपक्रम की सेवा से पदच्युत किए जाने या हटाए जाने के बाद सरकार के अधीन की गई सेवा के लिए रिटायरमेंट लाभ जब्त कर लिए जाएंगे और उसकी पदच्युत की दिशा में उपक्रम के निर्णय संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय के पुनर्विलोकन के अधीन होंगे।

ऐसे में अब कर्मचारियों को झटका लग सकता है। इसके साथ ही यदि वह पद से हटाए जाते हैं तो उनके पेंशन और ग्रेच्युटी पर इसका असर पड़ेगा और उनके पेंशन और ग्रेच्युटी जैसे लाभ को जब्त किया जा सकता है।