सोयाबीन किसानों के लिए खुशखबरी, मध्य प्रदेश सरकार ने शुरू की भावांतर हेल्पलाइन सुविधा, 7 नवंबर को जारी होगा पहला मॉडल भाव

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By Pinal PatidarPublished On: November 1, 2025

मध्य प्रदेश के सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए राज्य सरकार की ओर से एक बड़ी राहत भरी पहल की गई है। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने और भावांतर योजना-2025 को प्रभावी रूप से लागू करने के उद्देश्य से अब सरकार ने भावांतर हेल्पलाइन कॉल सेंटर शुरू किया है। यह कदम इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि खरीफ सीजन की सोयाबीन उपज का व्यापार फिलहाल चरम पर है, और किसानों को मंडियों में मूल्य निर्धारण और भुगतान प्रक्रिया से जुड़ी कई व्यावहारिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

किसानों की मदद के लिए शुरू हुई भावांतर हेल्पलाइन



राज्य शासन द्वारा प्रारंभ की गई इस नई सुविधा का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि किसान, व्यापारी संगठन, मंडी बोर्ड और मंडी समितियों के अधिकारी-कर्मचारी योजना से जुड़ी किसी भी समस्या या जानकारी के लिए एक सीधा संपर्क बिंदु पा सकें। भावांतर हेल्पलाइन का नंबर 0755-2704555 जारी किया गया है। यह हेल्पलाइन 30 अक्टूबर 2025 से योजना अवधि तक लगातार सक्रिय रहेगी। हेल्पलाइन हर दिन सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक काम करेगी, ताकि किसानों को उनकी सुविधा अनुसार समय पर मदद मिल सके।

अब तक 27 हजार किसानों से खरीदा गया 47 हजार टन सोयाबीन

कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, भावांतर योजना में अब तक 9.36 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है। इनमें से 27,063 किसानों से 47,493 टन सोयाबीन की खरीदी की जा चुकी है। सिर्फ 28 अक्टूबर को ही 10,851 किसानों से 19,191 टन सोयाबीन की खरीदी की गई, जो इस योजना की तेज़ प्रगति को दर्शाती है। राज्य की प्रमुख मंडियों में देवास में 1,699 टन, इंदौर में 1,579 टन, उज्जैन में 1,538 टन, गंजबासौदा में 1,283 टन, बैरसिया में 1,154 टन, आगर में 1,085 टन, आष्टा में 1,061 टन, शाजापुर में 1,053 टन और सागर में 962 टन सोयाबीन खरीदा गया।

किसानों की सबसे अधिक भागीदारी किन मंडियों में रही

योजना में किसानों की उपस्थिति को देखते हुए कुछ मंडियों को “सबसे सक्रिय मंडी” की श्रेणी में रखा गया है। इनमें गंजबासौदा में सर्वाधिक 1,254 किसान, देवास में 1,182, उज्जैन में 1,106, आष्टा में 1,075, बैरसिया में 900, आगर में 891, इंदौर में 795, शाजापुर में 787, सीहोर में 741 और नरसिंहगढ़ मंडी में 701 किसान विक्रय के लिए पहुंचे। वहीं, उज्जैन जिले की बड़नगर मंडी में सोयाबीन का अधिकतम भाव ₹5,725 प्रति क्विंटल दर्ज किया गया, जो अब तक का उच्चतम रेट रहा।

उत्पादन में मामूली कमी, लेकिन रकबा स्थिर

कृषि विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश में 58.72 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बुवाई की गई थी, जबकि वर्तमान वर्ष 2025-26 में यह क्षेत्रफल घटकर 53.20 लाख हेक्टेयर रह गया है। हालांकि, कुल उत्पादन 55.54 लाख मीट्रिक टन दर्ज किया गया है, जो प्रदेश की कृषि क्षमता को दर्शाता है।

पंजीयन और विक्रय अवधि की जानकारी

राज्य सरकार द्वारा 3 से 17 अक्टूबर तक किसानों का ऑनलाइन पंजीयन अभियान चलाया गया था, जिसमें 9.36 लाख से अधिक किसानों ने भाग लिया। इनमें से उज्जैन, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, विदिशा और सागर जैसे जिले ऐसे हैं जहां 50-50 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया। वहीं, 21 जिलों में 10 हजार से ज्यादा किसानों ने इस योजना से जुड़कर सरकार पर भरोसा जताया।

सोयाबीन की खरीदी 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक जारी रहेगी। राज्य सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹5,328 प्रति क्विंटल तय किया है। अगर बाजार में किसानों को इससे कम दाम मिलता है तो उस नुकसान की भरपाई भावांतर योजना के तहत सरकार स्वयं करेगी।

सरकार देगी मूल्य अंतर की राशि

भावांतर योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि अगर किसान अपनी उपज एमएसपी से कम भाव पर बेचता है, तो सरकार उस अंतर की राशि सीधे किसान के खाते में जमा करेगी। इससे किसानों को बाजार में भाव गिरने की स्थिति में भी नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। योजना के अंतर्गत पहले मॉडल भाव की घोषणा 7 नवंबर 2025 को की जाएगी, जिससे किसानों को वास्तविक बाजार भाव की तुलना में मिलने वाली भावांतर राशि का अनुमान मिल सकेगा।

किसानों के लिए राहत और पारदर्शिता की दिशा में कदम

राज्य सरकार का यह कदम किसानों के लिए न केवल राहत भरा है, बल्कि पारदर्शी व्यापार प्रणाली की दिशा में एक मजबूत प्रयास भी है। हेल्पलाइन व्यवस्था से किसानों को जानकारी पाने, शिकायत दर्ज कराने और समय पर समाधान पाने की सुविधा मिलेगी। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की डिजिटल और संवादात्मक पहलें किसानों के लिए आर्थिक सुरक्षा कवच का काम करती हैं और उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य के लाभ से सीधे जोड़ती हैं।