मध्य प्रदेश के लाखों पेंशनरों के लिए खुशखबरी है। दिवाली से पहले राज्य सरकार उनके खाते में बढ़ी हुई पेंशन राशि डालने की तैयारी में है। जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई वाली सरकार प्रदेश के 4.50 लाख पेंशनरों की महंगाई राहत में 2 प्रतिशत की वृद्धि करने जा रही है। अगर सब योजना के अनुसार हुई तो डीआर (महंगाई राहत) की दर वर्तमान 53 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो जाएगी। नई दरें सितंबर 2025 से लागू की जा सकती हैं, जिससे अक्टूबर से पेंशनर्स को बढ़ी हुई पेंशन राशि उनके बैंक खातों में मिल सकती है।
पेंशनरों को मिलेगा अतिरिक्त लाभ
वर्तमान में राज्य के कर्मचारियों को 1 जनवरी 2025 से 55 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। वहीं, पेंशनरों के लिए यह दर मार्च 2025 से 53 प्रतिशत थी। अब सरकार ने सितंबर 2025 से इसे बढ़ाने का निर्णय लिया है। वित्त विभाग ने इस वृद्धि के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से भी सहमति प्राप्त कर ली है। इसके बाद प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा, और मंजूरी मिलने पर आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ की सहमति जरूरी
इस पेंशन वृद्धि की प्रक्रिया में छत्तीसगढ़ की सहमति लेना अनिवार्य है। दरअसल, वर्ष 2000 से पहले सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन का 74 प्रतिशत भार मध्य प्रदेश और 26 प्रतिशत भार छत्तीसगढ़ वहन करता है। मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) के अनुसार, दोनों राज्यों की सहमति के बिना पेंशनरों की बढ़ी हुई महंगाई राहत लागू नहीं की जा सकती। ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार की मंजूरी के बाद ही यह लाभ पेंशनर्स को दिया जा सकता है। वर्तमान में मध्य प्रदेश में पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन 7,750 रुपए और अधिकतम 1,10,000 रुपए तक है।
मई 2025 में हुई थी पिछली वृद्धि
इससे पहले मई 2025 में भी 4.50 लाख पेंशनरों की महंगाई राहत में वृद्धि की गई थी। उस समय आदेश जारी कर पेंशनर्स/परिवार पेंशनर्स को 7वें वेतनमान के अंतर्गत 53 प्रतिशत और छठे वेतनमान के अंतर्गत 246 प्रतिशत महंगाई राहत दी गई थी। इसके साथ ही जनवरी से सितंबर 2024 की अवधि के लिए सेवानिवृत्त या मृत शासकीय कर्मचारियों के नामांकित सदस्यों को एरियर राशि का भुगतान एकमुश्त किया गया था।