मध्यप्रदेश में बदलती जीवनशैली और तेजी से बढ़ती शहरी आबादी के चलते अब लोगों में स्वास्थ्य और पोषण के प्रति जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। यही कारण है कि ताजी और स्थानीय स्तर पर उगाई जाने वाली सब्जियों की मांग शहरों में लगातार बढ़ रही है। इसी बढ़ती जरूरत को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार अब सब्जी उत्पादन को नई दिशा देने की तैयारी में है। प्रदेश के उद्यानिकी विभाग ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत देशी सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने की पहल शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य सिर्फ सब्जियों की उपलब्धता बढ़ाना नहीं, बल्कि किसानों को अतिरिक्त आय का अवसर भी देना है।
देशी सब्जियों के क्लस्टर की होगी स्थापना
योजना के तहत बड़े शहरों के आसपास स्थानीय जलवायु और मिट्टी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए देशी सब्जियों के उन्नत किस्मों के क्लस्टर (Vegetable Clusters) विकसित किए जा रहे हैं। ये क्लस्टर न केवल सब्जियों की बेहतर पैदावार में मदद करेंगे, बल्कि उपभोक्ताओं तक ताजी और गुणवत्तापूर्ण सब्जियां पहुँचाने में भी सहायक होंगे। उद्यानिकी आयुक्त अरविन्द दुबे के अनुसार, राज्य के सभी 10 संभागों के जिलों में इस योजना को लागू किया जाएगा। इन क्लस्टरों में तोरई, गिलकी, परवल, लौकी, करेला, टिंडा, बैंगन, चिचिंडा, खीरा, मुनगा, चौलाई, पालक, पोई साग, कचरी, अरबी, शकरकंद जैसी परंपरागत देशी सब्जियों की आधुनिक और उन्नत किस्में लगाई जाएंगी।
बढ़ती मांग और शहरों की जरूरत
राज्य के शहरों में आजकल लोग स्वास्थ्य के प्रति सजग हैं और जैविक या देशी सब्जियों को प्राथमिकता देने लगे हैं। शहरों में रहने वाले उपभोक्ता अब स्थानीय किसानों द्वारा उगाई गई ताजी सब्जियों के लिए अधिक कीमत देने को भी तैयार रहते हैं। यही वजह है कि उद्यानिकी विभाग ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच संतुलन बनाते हुए यह कदम उठाया है। यह योजना न केवल शहरी आबादी को पोषक भोजन उपलब्ध कराएगी, बल्कि किसानों को सीधे उपभोक्ताओं से जोड़कर उनकी आमदनी में भी इजाफा करेगी।
किसानों को मिलेगा 24 हजार रुपए तक अनुदान
प्रदेश सरकार इस योजना के तहत किसानों को आर्थिक सहायता भी दे रही है। प्रति हेक्टेयर 60 हजार रुपए की इकाई लागत पर 40% यानी 24 हजार रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान सीधे किसानों के खाते में जमा होगा ताकि वे बीज, उर्वरक, सिंचाई और तकनीकी उपकरणों की व्यवस्था कर सकें। उद्यानिकी विभाग का मानना है कि इस प्रोत्साहन से अधिक से अधिक किसान सब्जी उत्पादन की दिशा में आगे आएंगे, जिससे राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को नया बल मिलेगा।
ऑनलाइन आवेदन और प्रशिक्षण की सुविधा
योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसान एमपी एफएसटीएस पोर्टल (MP FSTS Portal) पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए किसानों के पास स्वयं की भूमि और सिंचाई की सुविधा होना आवश्यक है। आवेदन करने वाले किसानों को उद्यानिकी विभाग की ओर से तकनीकी प्रशिक्षण, फसल प्रबंधन और विपणन (Marketing) से संबंधित विशेष जानकारी दी जाएगी, ताकि वे सब्जी उत्पादन को लाभकारी व्यवसाय के रूप में अपना सकें।
कृषि और पोषण दोनों को मिलेगा बल
यह पहल सिर्फ खेती-किसानी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य के पोषण स्तर को बढ़ाने और किसानों की आमदनी को दोगुना करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। इससे शहरी क्षेत्रों में सब्जियों की आपूर्ति बेहतर होगी और ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।










