एमपी की दो प्रमुख खदानों से जल्द शुरू होगा सोना खनन, सिंगरौली के बाद ये जिला हुआ तैयार

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By Raj RathorePublished On: September 17, 2025

मध्यप्रदेश में अब सोना निकालने का रास्ता साफ हो गया है। अगले एक साल के भीतर प्रदेश की धरती से सोना निकालने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सिंगरौली जिले के चकरिया गोल्ड ब्लॉक की माइनिंग लीज का एग्रीमेंट पूरा हो चुका है, वहीं कटनी जिले के इमलिया ब्लॉक की माइनिंग लीज का अनुबंध भी एक माह के भीतर होने वाला है। लीजधारक कंपनियां यहां आवश्यक मशीनरी और सिस्टम स्थापित कर सोना उत्पादन का कार्य आरंभ करेंगी।


सिंगरौली और कटनी में बड़ा भंडार

चकरिया गोल्ड ब्लॉक का क्षेत्रफल 23.57 हेक्टेयर है और यहां लगभग 1,33,785 टन स्वर्ण अयस्क होने का अनुमान है। इससे करीब 1,76,600 ग्राम सोना मिलने की संभावना जताई गई है। दूसरी ओर कटनी का इमलिया ब्लॉक 6.51 हेक्टेयर का है, जहां से लगभग 25,000 ग्राम सोना निकाले जाने की उम्मीद है। सभी जरूरी अनुमतियां मिलने के बाद कंपनियां मशीनरी लगाकर उत्पादन की शुरुआत कर सकेंगी। इससे स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार भी उत्पन्न होगा।

अन्य खदानों की स्थिति

मध्यप्रदेश में अब तक पांच गोल्ड ब्लॉक में सोना मिलने की पुष्टि हुई है। इनमें चार सिंगरौली और एक कटनी जिले में हैं। चकरिया ब्लॉक के अलावा बाकी चार ब्लॉकों की नीलामी भी हो चुकी है। गुरहर पहाड़ ब्लॉक वन क्षेत्र में होने के कारण यहां वन विभाग की एनओसी की प्रक्रिया जारी है। सोनकुरवा और अम्लीयवाह ब्लॉक को प्रोस्पेक्टिंग के लिए तैयार किया जा रहा है। शुरुआती जांच में यहां सोने के अयस्क मिले हैं और अब ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी।

ई-नीलामी से बढ़ा निवेश

चकरिया गोल्ड ब्लॉक को ई-नीलामी के जरिए गरिमा नेचुरल रिसोर्सेज प्रा. लि. को सौंपा गया है। खनिज विभाग ने कंपनी को जल्द से जल्द उत्पादन शुरू करने के निर्देश दिए हैं। खनिज संसाधन आयुक्त फेंक नोबल ए. के अनुसार, कटनी के इमलिया ब्लॉक का अनुबंध भी एक माह में पूरा हो जाएगा और इसके बाद दोनों क्षेत्रों में खनन का कार्य शुरू होगा। इससे पहले देश में केवल कर्नाटक में ही सोना खनन हो रहा था, लेकिन अब मध्यप्रदेश भी इस सूची में शामिल होगा।

मुख्यमंत्री का बयान

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन के तहत मध्यप्रदेश ने खनन क्षेत्र में नया इतिहास रच दिया है। प्रदेश अब “मिनरल प्रदेश ऑफ इंडिया” बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। चकरिया ब्लॉक की लीज के साथ ही मध्यप्रदेश वैश्विक स्वर्ण खनन मानचित्र पर स्थापित हो गया है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि इससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।

जबलपुर में भी सोने के संकेत

जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील के महगवां केवलारी क्षेत्र में भी सोने के कण मिलने के संकेत मिले हैं। यहां लौह और मैगनीज अयस्क के साथ सोने की मौजूदगी की प्रारंभिक पुष्टि हुई है। भूवैज्ञानिकों ने अब यहां एक्सप्लोरेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ड्रिलिंग के बाद सोने के भंडार का सही अनुमान लगाया जा सकेगा।