इंदौर में वन नेशन वन राशन कार्ड की स्कीम पोर्टेबिलिटी में 60 हजार कार्ड धारक प्रतिमाह दूसरी दुकान से लेते खाद्यान्न, गरीब वर्ग के लोगों के समय की होती बचत

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By Mukti GuptaPublished On: March 16, 2023

इंदौर। पूरे देश में वन नेशन वन राशनकार्ड की स्कीम सरकार द्वारा लागू की गई है, जिसमें राशन कार्ड धारक प्रदेश या देश की किसी भी शासकीय उचित मूल्य की दुकान से अपने राशन कार्ड से सामान ले सकता है, मध्य प्रदेश में इसकी शुरुआत 2020 में हुई थी, जिसमें गरीब वर्ग के लोगों को बिना ज्यादा समय गंवाए किसी भी दुकान से आसानी से खाद्यान्न सामग्री मिल जाती है, अगर बात इंदौर जिले की करी जाए तो, यहां इस पोर्टेबिलिटी के तहत लगभग 60 हजार राशन कार्ड धारक अपना ज्यादा समय गंवाए इसका फायदा उठाते हैं। वहीं साल में यह आंकड़ा लगभग 7 लाख तक पहुंचता है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अन्य प्रदेशों से आकर शहर में अपनी जीवनी चला रहे हैं, वह भी इस स्कीम का फायदा उठाते हैं।

इंदौर में वन नेशन वन राशन कार्ड की स्कीम पोर्टेबिलिटी में 60 हजार कार्ड धारक प्रतिमाह दूसरी दुकान से लेते खाद्यान्न, गरीब वर्ग के लोगों के समय की होती बचत

हर कार्ड पर खाद्यान्न सामग्री पहले से तय होती है।

इंदौर नगरीय सीमा में 85 वार्ड में कई राशन दुकानें है, जिसमें दो तरह के कार्ड धारक है, जिसमे अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता राशन कार्ड शामिल हैं। प्राथमिकता राशन कार्ड के तहत 2 किलो गेहूं, 3 किलो चावल, 1 किलो नमक, 1 किलो शकर दिया जाता है, वहीं अंत्योदय अन्न योजना के तहत 14 किलो गेहूं और 21 किलो चावल, 1 किलो नमक, 1 किलो शकर दिया जाता है।

इंदौर में वन नेशन वन राशन कार्ड की स्कीम पोर्टेबिलिटी में 60 हजार कार्ड धारक प्रतिमाह दूसरी दुकान से लेते खाद्यान्न, गरीब वर्ग के लोगों के समय की होती बचत

क्या है वन नेशन वन राशन कार्ड स्कीम

वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत लाभार्थियों को नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट, 2013 का फायदा दिया जाता है. इस योजना के लाभार्थी देश के किसी भी पॉइंट ऑफ सेल मशीन से जुड़े फेयर प्राइस शॉप पर अपने कोटा का सब्सिडी वाला अनाज ले सकते हैं. इसमें कहीं का राशन कार्ड कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है. बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के आधार पर ग्राहकों को सब्सिडी वाला अनाज दिया जाता है, जून 2020 में इसे प्रदेश में लागू किया गया था। इसी के साथ पूरे देश में यह योजना अब लागू हो गई है।

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श्रमिक वर्ग के समय की होती है बचत।

वहीं ओएनओआरसी का लाभ पिछले दो साल में खासकर, कोविड महामारी के दौरान वन नेशन वन राशन कार्ड योजना ने लाभार्थियों को बहुत लाभ पहुंचाया गया है, राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी के चलते श्रमिक वर्ग अपने काम वाले स्थान पर सब्सिडी वाले राशन पाते हैं। भले ही उनका राशन कार्ड किसी और प्रांत का क्यों न हो। इसी वर्ग को ध्यान में रखते हुए ओएनओआरसी की योजना शुरू की गई थी। श्रमिकों को अपने काम के सिलसिले में अक्सर राज्य बदलना होता है. इससे उनके राशन पर असर न पड़े, सरकार ने यह खास स्कीम शुरू की. ओएनओआरसी में कोई भी व्यक्ति किसी भी राशन दुकान पर जा सकता है, पीओएस मशीन पर आधार से वेरिफाई कर सब्सिडी वाला राशन पा सकता है।