अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का चौथा दिन: भारत के बीच यह व्यवस्था एक समझौता थी बोले सुब्रमण्यम

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By Rishabh NamdevPublished On: August 9, 2023

सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को चुनौती देने वाली 23 याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को चौथे दिन याचिकाकर्ता मुज्‍जादार इकबाल खान की और से सीनियर वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने बात रखी है। वही इससे पहले तीन दिन 8, 3 और 2 अगस्त को देश के वरिष्ठ कपिल सिब्बल ने अपनी बात कोर्ट के सामने रखी थी।

सुप्रीम कोर्ट में बोलते हुए सुब्रमण्यम ने कहा क‍ि “विलय के समय जम्मू-कश्मीर किसी अन्य राज्य की तरह नहीं था एवं उसका अपना संविधान था। वही भारत के संविधान में विधानसभा और संविधान सभा दोनों को मान्यता प्राप्त है। मूल ढांचा दोनों के संविधान से निकाला जाएगा। डॉ. अंबेडकर ने संविधान के संघीय होने और राज्यों को विशेष अधिकार की बात कही थी।” इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के पास अनकंट्रोल्ड पावर नहीं है। आर्टिकल 370 के खंड 1 के तहत शक्ति का उद्देश्य आपसी समझ के सिद्धांत पर आधारित है।

अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का चौथा दिन: भारत के बीच यह व्यवस्था एक समझौता थी बोले सुब्रमण्यम

धारा 370 संविधान के प्रोविजन का एप्लीकेशन कहने पर CJI ने कहा कि हमारे संविधान के चिंतन में जो एकमात्र दस्तावेज है, वह भारत का संविधान ही है। इससे पहले भी कांग्रेस पार्टी के दिग्गज पूर्व नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने अनुच्छेद 370 को लेकर बड़ा बयान दिया था। DPAP के अध्यक्ष ग़ुलाम नबी आज़ाद ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध करते हुए कहा था कि जो लोग जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने का सपोर्ट कर रहे हैं, उन्हें जम्मू-कश्मीर की असलियत और इतिहास के बारे में नहीं पता है। यह बात गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में एक रैली के दौरान कही थी।