Flashback: दल बदलुओं का इतिहास नया नहीं बल्कि पुरानी प्रथा है

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By RajPublished On: January 18, 2022

नई दिल्ली। पांच राज्यों में आगामी दिनों के भीतर होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले विभिन्न दलों के नेताओं ने अपने दलों को छोड़कर दूसरे दलों का दामन थाम लिया है। विशेषकर उत्तर प्रदेश में दल बदलने का खेल कुछ तेजी से ही जारी दिखाई दे रहा है।

Flashback

राजनीतिज्ञों का कहना है कि दल बदलूओं का इतिहास नया नहीं बल्कि यह प्रथा हमारे देश में काफी पुरानी है। भारतीय राजनीति का इतिहास उठाकर देखा जाए तो वर्ष 1957 से 1967 के दरमियान लगभग 542 सांसद विधायकों ने चुनाव के ऐन वक्त पर अपने दलों को छोड़कर दूसरे दलों का हाथ थाम लिया था। 1967 में चौथे आम चुनाव के पहले वर्ष में भारत में 430 बार सासंद- विधायक ने दल बदलने का रिकॉर्ड बनाया था। 1967 के बाद एक और रिकॉर्ड बना, जिसमें दल बदलुओं के कारण 16 महीने के भीतर 16 राज्यों की सरकारें गिर गईं थी।

1967 के दौर में ही हरियाणा के विधायक गयालाल ने 15 दिन में ही तीन बार दल-बदल कर एक रिकॉर्ड कायम कर दिया था। 1998-99 में गोवा दल-बदल और बदलती सरकारों के कारण सुर्खियों में रहा था जब 17 महीने में गोवा में पांच मुख्यमंत्री बदल गए ।

आंकडे की फैक्ट फाइल

यूपी में 2017 में 14.6 प्रतिशत दल बदलने वाले ही चुनाव जीत पाए 2012 में 8.4 फीसदी दल बदलू चुनाव जीत पाए थे। 2007 में 14.4 प्रतिशत दल बदलने वालों ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। 2002 में भी इतने ही नेता दलबावजूद जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे।