प्रधानमंत्री से लेकर पार्टी के राष्ट्रीय नेता मध्यप्रदेश भाजपा के सांसद-विधायकों को पचमढ़ी में अनुशासन और एकजुटता का पाठ पढ़ा चुके हैं। बावजूद इसके प्रदेश में भाजपा के भीतर गुटबाजी लगातार बढ़ती जा रही है। यह गुटबाजी डिप्टी सीएम से लेकर मंत्रियों तक देखी जा रही है। हाल ही के उदाहरणों ने इस असहमति को पूरी तरह उजागर किया।
मुरैना में ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम बनाने की मांग ने बढ़ाई सियासी हलचल
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सियासी पोस्टरबाजी इन दिनों सुर्खियों में है। मुरैना में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के दौरे के दौरान एक पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस पोस्टर में सीधे तौर पर मांग की गई थी कि सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाया जाए, अन्यथा अपनी “खैर बचाओ”। पार्टी मुख्यालय तक इस पोस्टर की चर्चा पहुंची और अन्य नेताओं ने शिकायत भी दर्ज कराई।
रीवा में सीएम के स्वागत में डिप्टी सीएम की तस्वीर गायब
रीवा में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की जन्म शताब्दी कार्यक्रम में उनके पोते और त्योंथर के विधायक सिद्धार्थ तिवारी ने कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शामिल हुए और स्वागत के लिए शहर भर में पोस्टर लगाए गए। लेकिन इन पोस्टरों में डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल की तस्वीर शामिल नहीं की गई, जिससे नाराज डिप्टी सीएम कार्यक्रम में ही नहीं पहुंचे।
देवास में विधायक के पोस्टर हटाने को लेकर विवाद
देवास में सियासी पोस्टरों को लेकर नया विवाद सामने आया। नवरात्रि पर्व से पहले भाजपा विधायक गायत्री राजे पवार के पोस्टर शहर में लगाए गए थे, लेकिन नगर निगम ने इन्हें हटवा दिया। विधायक के पुत्र विक्रम राव समर्थकों के साथ सड़क पर उतर आए और निगम कमिश्नर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इस घटना के दौरान धमकियां भी दी गईं, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।