Employees Salary : राज्य के 7 लाख संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी को सरकारी बड़ी राहत देने वाली है। उन्हें अवकाश का लाभ मिलेगा। वहीं बीमा जैसी सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार की ओर से गठित किया जा रहे सेवन निगम के प्रस्तावित मसौदे में इनको शामिल किया जा रहा है। ऐसे में बजट में निगम की बुनियादी सुविधा के लिए धनराशि के प्रावधान के बाद गठन की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। जिसका लाभ आउट सोर्स कर्मचारी को मिलने वाला है। इसके साथ ही संविदा कर्मचारी भी इससे लाभान्वित होंगे।
प्रदेश के संविदा कर्मचारी और आउटसोर्स कर्मचारी को कैजुअल लीव, मेडिकल लीव और बीमा जैसी सुविधा का लाभ मिलेगा। इसके साथ उन्हें समय पर वेतन का भुगतान किया जाएगा। विभिन्न विभाग में आउटसोर्स कर्मचारी उपलब्ध करवा रही एजेंसी के खिलाफ अक्सर कर्मचारियों को समय से वेतन और छुट्टी नहीं मिलने जैसे समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके साथ एम्पलाई प्रोविडेंट फंड आदि में कटौती के बाद भी मनमानी किए जाने की शिकायत मिलती है। इन समस्याओं के समाधान और कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए मुख्यमंत्री ने अब आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के निर्देश दिए हैं।

नियमावली का ड्राफ्ट तैयार
उत्तर प्रदेश सचिवालय प्रशासन विभाग नियम के नियमावली का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही संविदा आउटसोर्स कर्मचारी को इसका लाभ मिलेगा। निगम के ड्राफ्ट के अनुसार अलग-अलग श्रेणी के पदों के लिए 16000 से लेकर 25000 तक वेतन दिए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। प्रोजेक्ट ऑफिसर, सीनियर असिस्टेंट, जूनियर अस्सिटेंट श्रेणी के पद पर शैक्षणिक योग्यता के अनुसार उन्हें वेतन का भुगतान किया जाएगा।
महीने की पहली तारीख को वेतन
महीने की पहली तारीख को वेतन खाते में आ जाए। इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। नियम के बन जाने के बाद कर्मचारियों को EPF और ESIC आदि की सेवा में आने वाली दिक्कत को भी समाप्त किए जाने की तैयारी की जा रही है। बहुत बार शिकायतों के आधार पर एजेंसी को बदला गया है। अब नियम आवश्यक हो गया है।ऐसे में विभागीय अधिकारी इसका मसौदा तैयार कर रहे हैं।
नियम आवश्यक
वहीं कर्मचारियों के EPF और ईएसआईसी खाते की मॉनिटरिंग और जवाबदेही तय कर पाना मुश्किल होने से बचने के लिए इस तरह के नियम आवश्यक है। निगम कर्मचारी एजेंसी और विभाग के लिए वन स्टॉप सेंटर के तौर पर काम करेगा। पोर्टल के जरिए एजेंसी और कर्मचारियों को रजिस्टर करवाया जाएगा। इसके बाद उत्तर प्रदेश के संविदा औरआउटसोर्स कर्मचारी को इसका लाभ मिलने वाला है।
बेहतर कार्य और परिणाम के लिए आउटसोर्स निगम का विस्तार शासन से जिले तक किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बोर्ड आफ डायरेक्टर का गठन किया गया है। कमिश्नर की अगुवाई में मंडल स्तरीय और डीएम की अगुवाई में जिला स्तरीय समिति गठित की जाएगी। ऐसे में उत्तर प्रदेश के साथ कर्मचारियों को एक तरफ जहां अवकाश की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके साथ ही उन्हें बीमा और समय पर वेतन भुगतान की प्रक्रिया को भी पूरा किया जाएगा।