Income Tax Raid: आयकर विभाग ने सोमवार को एक बड़े अभियान के तहत देशभर में 200 से अधिक जगहों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई आयकर अधिनियम की धारा 80GGC के तहत राजनीतिक चंदे पर की गई फर्जी टैक्स कटौतियों को लेकर की गई है। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई उन बिचौलियों और संस्थाओं के खिलाफ की जा रही है, जो करदाताओं को फर्जी कटौती दिलवाने में मदद कर रहे थे।
क्या है 80GGC?
आयकर अधिनियम की धारा 80GGC नागरिकों और कंपनियों को राजनीतिक दलों को दिए गए दान पर आयकर छूट का अधिकार देती है। इस प्रावधान के तहत, चेक या डिजिटल माध्यम से किए गए दान पर पूर्ण टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है। यह छूट नकद दान पर मान्य नहीं है। इसका उद्देश्य राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता बढ़ाना है।
फर्जी कटौतियों का जाल
सूत्रों के अनुसार, केवल राजनीतिक चंदा ही नहीं, बल्कि आयकर छूट के अन्य दावों जैसे कि मेडिकल खर्च, ट्यूशन फीस और कुछ विशेष लोन पर भी फर्जी बिलों के माध्यम से टैक्स छूट ली गई थी। विभाग ने कई ऐसे व्यक्तियों और उनके कर सलाहकारों, फाइलरों और अकाउंटेंट्स की पहचान की है, जो इस नेटवर्क का हिस्सा थे।
NUDGE पहल के बावजूद नहीं किया सही ITR फाइल
अधिकारियों ने बताया कि विभाग की ओर से NUDGE (नज) अभियान के तहत करदाताओं को समय रहते आगाह किया गया था। यह पहल ‘करदाता पर भरोसा करें’ सिद्धांत पर आधारित है। बावजूद इसके कई करदाताओं ने अपना अपडेटेड ITR दाखिल नहीं किया, जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई करना जरूरी हो गया।
200 से ज्यादा लोकेशनों पर सर्च
छापेमारी के दौरान विभाग ने डिजिटल दस्तावेजों, फर्जी बिलों और लेन-देन के रिकॉर्ड जब्त किए हैं। इस कार्रवाई में कई चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और टैक्स फाइलिंग एजेंसियों की भी भूमिका सामने आई है, जिनकी जांच जारी है।
आयकर विभाग का मानना है कि यह कार्रवाई केवल टैक्स चोरी ही नहीं, बल्कि राजनीतिक चंदे की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाती है। फिलहाल विभाग फर्जीवाड़े में शामिल सभी पक्षों की गहन जांच कर रहा है।












