MP

DA Arrears : कर्मचारियों के 18 महीने के DA एरियर पर बड़ी अपडेट, मिलेगा महंगाई भत्ते की तीन किस्त का बकाया? कोरोना महामारी में रोका गया था पैसा

Author Picture
By Kalash TiwaryPublished On: March 13, 2025
DA Arrears

DA Arrears : एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए महत्वपूर्ण खबर निकलकर सामने आ रही है। केंद्र सरकार के अधीन आने वाले कर्मचारी और पेंशनर्स लंबे समय से कोरोना के दौरान रोके गए महंगाई भत्ते बकाया की मांग कर रहे हैं। इसके लिए अब एक बार फिर से चर्चा तेज हो गई है।

कांफिडेशन का सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाइज एंड वर्कर्स ने एक बार फिर से मोदी सरकार के कर्मचारी और पेंशन भोगियों की लंबे समय से लंबे कई मांगों का मुद्दा उठाया है। ऐसे में एक बार फिर से सवाल उठ रहा है कि क्या कर्मचारियों और पेंशनर्स के कोरोना काल में रोके गए थे।

DA Arrears : कर्मचारियों के 18 महीने के DA एरियर पर बड़ी अपडेट, मिलेगा महंगाई भत्ते की तीन किस्त का बकाया? कोरोना महामारी में रोका गया था पैसा

इन महंगाई भत्ते की एरियर राशि का भुगतान उन्हें किया जाएगा। परिसंघ द्वारा जारी एक सर्कुलर के अनुसार विभिन्न मांगों से एक कोरोना महामारी अवधि के दौरान रोके गए महंगाई भत्ते की बकाया का भुगतान को इस में शामिल किया गया है। बता दे की कोरोना महामारी के द्वारा कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ते की बकाया जनवरी 2020 से जून 2021 तक की अवधि का है। इस दौरान उनके तीन महंगाई भत्ते की किस्त को रोक दिया गया था।

कई मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने के निर्देश 

इस सर्कुलर में सरकार से लंबित महंगाई भत्ते मुद्दे समेत कई मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने को कहा गया है। 7 मार्च को यह सर्कुलर जारी किया गया है।जिसमें कनफेडरेशन ने कहा कि केंद्र सरकार की निष्क्रियता के कारण उनकी जायज मांगे अब तक पूरी नहीं हुई है। वही कर्मचारी संगठन लंबे समय से महंगाई भत्ते के भुगतान के लिए आंदोलन कर रहे हैं।

कर्मचारियों को अधिकतम 2 लाख तक का फायदा

ऐसे में फिर से एक सवाल उठने लगा है कि क्या कर्मचारियों के तीन महंगाई भत्ते की किस्त का उन्हें भुगतान किया जाएगा? यदि कर्मचारियों को कोरोना अवधि के दौरान रोकी गई उनके तीन किस्त का भुगतान किया जाता है तो कर्मचारियों को अधिकतम 2 लाख तक का फायदा हो सकता है। न्यूनतम उनके खाते में 20000 रूपए तक की राशि देखी जाएगी।

यह है कई अन्य मांग 

इसके अलावा नई पेंशन योजना को खत्म कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की भी मांग की गई है। कर्मचारी और पेंशनर्स के पेंशन में काटी गई राशि 12 वर्ष में बहाल किए जाने की मांग भी की गई है। इतना ही नहीं कर्मचारी संगठन को लोकतांत्रिक तरीके से काम करने की इजाजत देने की भी मांग हुई है।

साथ ही अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने पर 5% सीमा हटाए जाने और सभी पात्र आवेदकों को नियुक्ति देने की भी मांग मोदी सरकार से कर्मचारी संघ द्वारा की गई है। साथ ही सभी विभाग में रिक्त पदों को तुरंत भरे जाने और सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग और निजीकरण को बंद किए जाने की मांग की गई है।