जोशीमठ में सैकड़ों घरों में दरारें, CM ने दिए 600 परिवारों को तत्काल निकालने के आदेश, हेलिकॉप्टर भी तैयार

joshimath। Uttarakhand के जोशीमठ में धरती जगह-जगह धंस रही है। सैकड़ों घरों में दरारें आ गई हैं। हालात ऐसे बनते जा रहे हैं कि घर के घर कभी भी भरभराकर गिर सकते हैं। जोशीमठ के लोग बुरी तरह सहमे हुए हैं। जोशीमठ में जो हो रहा है वह किसी त्रासदी से कम नहीं है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (chief minister pushkar singh dhami)

ने जोशीमठ शहर के लगभग 600 परिवारों से तुरंत उन घरों को खाली कराने का आदेश दिया है।

शुक्रवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति का जायजा लेने के लिए हाई लेवल मीटिंग भी की थी। पुष्कर सिंह धामी ने लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने से लेकर उनके पुर्नवास तक के आदेश दिए। मीटिंग में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जोशीमठ से करीब 600 परिवारों को तत्काल प्रभाव से वहां से निकालने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का आदेश दिया।

जोशीमठ में सैकड़ों घरों में दरारें, CM ने दिए 600 परिवारों को तत्काल निकालने के आदेश, हेलिकॉप्टर भी तैयार

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावितों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ खड़ी है और चरणबद्ध ढंग से संवेदनशील जगहों से सबको शिफ्ट किया जाएगा। उधर, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जोशीमठ भू-धंसाव की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सचिव को भेज दी है। डीएम ने बताया कि नगर में कुल 561 भवनों में दरार आई है।

इमारतों और दीवारों में दरारें पहली बार 2021 में दर्ज की गईं थी क्योंकि चमोली में लगातार भूस्खलन और बाढ़ आ रही थी। जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड सरकार के विशेषज्ञ पैनल ने 2022 में पाया कि जोशीमठ के कई हिस्से मानव निर्मित और प्राकृतिक कारकों के कारण सिंक हो रहे हैं।

जोशीमठ में ही एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट के टनल में निर्माणकार्य चल रहा है। ऐसे में क्यों कहा जा रहा है कि इस टनल के कारण जोशीमठ में ऐसी घटनाएं हो रही हैं। जोशीमठ की जांच के आधार पर गांधी नगर में 127, मारवाड़ी में 28, लोअर बाजार नृसिंह मंदिर में 24, सिंहधार में 52, मनोहर बाग में 69, अपर बाजार डाडों में 29, सुनील में 27, परसारी में 50, रविग्राम में 153 सहित कुल 561 भवनों में दरार आई है।

पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ में स्थिति से निपटने के लिए कम और लंबे समय की योजनाओं पर भी काम चल रहा है। धामी ने कहा कि गढ़वाल के आयुक्त सुशील कुमार और सचिव (आपदा प्रबंधन) रंजीत कुमार सिन्हा विशेषज्ञों की एक टीम के साथ हालात पर लगातार नजर रखने के लिए मौके पर डेरा डाले हुए हैं।