अर्जुन राठौर
इंदौर का सहकारिता विभाग लूट का सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ है यहां पर लाखों रुपए की रिश्वत प्रतिदिन ली जाती है कोई भी काम हो बगैर रिश्वत के नहीं हो सकता। कॉलोनाइजर तथा बिल्डरों को भी पता है कि यहां पर काम कराने के क्या रेट है उसी के हिसाब से भरपाई कर दी जाती है यही वजह है कि प्रदेशभर के सहकारिता विभाग के कर्मचारी और अफ़सर किसी भी तरह से अपना ट्रांसफर इंदौर करना चाहते हैं ताकि वे यहां की लूट की कमाई में हिस्सेदार बन सके इस विभाग में प्रतिनियुक्ति पर आने वालों की भी संख्या बहुत बड़ी है ये भोपाल में सेटिंग जमा कर किसी भी तरह से इंदौर में पोस्टिंग पा लेते हैं और उसके बाद शुरू हो जाता है लूट का कारोबार ।
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जो अफसर और कर्मचारी यहां पर आ गए हैं वे किसी भी तरह से यहीं पर जमे रहना चाहते हैं इसके लिए वे भोपाल तक सेटिंग करते हैं ताकि उनका तबादला नहीं हो पिछली बार भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में जब विश्वास सारंग सहकारिता मंत्री थे तब उन्होंने कहा था कि वे सहकारिता विभाग को इतना अधिक पारदर्शी बनाना चाहते हैं कि यहां पर कोई भ्रष्टाचार नहीं हो लेकिन ऐसा नहीं हो सका उनके सपने अधूरे ही रह गए सहकारिता विभाग के भ्रष्ट अफसरों ने विश्वास सारंग की किसी भी योजना को क्रियान्वित नहीं होने दिया ।
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लेकिन अब अगर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चाहे तो इस विभाग का पूरी तरह से कायाकल्प कर सकते हैं इस कायाकल्प से ना केवल यहां पर पारदर्शिता आएगी बल्कि भ्रष्ट अफसरों से भी सहकारिता विभाग को मुक्ति मिलेगी और आम जनता यहां पर न्याय पाने में सफल हो जाएगी । उल्लेखनीय है कि इस विभाग में रिश्वत कांड से पहले एक सेक्स कांड भी हो चुका है यहां पर तैनात एक उपायुक्त द्वारा यही की महिला अफसर को अश्लील संदेश भेजें गए थे जब यह मामला तूल पकड़ा तो उपायुक्त का तबादला हो गया पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज हुई लेकिन अभी तक इस उपायुक्त की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है ।