कांग्रेस ने राष्ट्रपति मुर्मू के भाषण को बताया ‘पक्षपाती’, कहा ‘जनता की भावनाओं का जिक्र नहीं’

Abhishek singh
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कांग्रेस ने शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन को पूरी तरह राजनीतिक करार दिया। पार्टी का कहना है कि आम नागरिक जिन समस्याओं और अनुभवों से गुजर रहा है, उस पर कोई चर्चा नहीं हुई। अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सरकार ने वैश्विक चुनौतियों से उबरने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ काम किया है। संसद की संयुक्त बैठक में उन्होंने वक्फ बोर्ड और ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ जैसे फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में पिछली सरकारों की तुलना में तीन गुना तेजी से काम कर रही है।

कांग्रेस का दावा – राष्ट्रपति का भाषण राजनीतिक, जनता के मुद्दों की अनदेखी

राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन को लेकर कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल ने प्रतिक्रिया दी और आरोप लगाया कि सरकार ने राष्ट्रपति से पूरी तरह राजनीतिक भाषण दिलवाया। वहीं, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसे पूर्वानुमानित बताते हुए कहा, “अपनी सरकार की प्रशंसा करना उनका काम है, और उन्होंने वही किया।” उन्होंने आगे चिंता जताते हुए कहा, “हमें यह देखना चाहिए कि उनके भाषण में क्या छोड़ा गया—वो मुद्दे जिनमें सरकार विफल रही। बेरोजगारी की स्थिति को देखते हुए आम आदमी और मध्यम वर्ग परेशान है। युवा सिर्फ बेरोजगारी नहीं झेल रहे, बल्कि शिक्षित युवाओं के पास भी रोजगार के अवसर नहीं हैं।”

शशि थरूर ने कहा, “हम वास्तव में कठिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, लेकिन राष्ट्रपति के भाषण में इस बात की कोई स्वीकार्यता नहीं थी कि देश का आम नागरिक रोजाना क्या अनुभव कर रहा है।” वहीं, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने टिप्पणी की कि राष्ट्रपति मुर्मू का संबोधन दुर्भाग्यवश सरकार की कथित उपलब्धियों की पुनरावृत्ति भर था, जिसमें जमीनी हकीकत को नजरअंदाज किया गया।

आर्थिक सर्वेक्षण पर कांग्रेस का हमला, सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल

कांग्रेस ने संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की। पार्टी का कहना है कि सर्वेक्षण में ‘कारोबारी सुगमता 2.0’ का जिक्र किया गया है, लेकिन ‘नया वस्तु एवं सेवा कर (GST) 2.0’ और पिछले दस वर्षों से जारी कर आतंकवाद को खत्म करने को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर टिप्पणी करते हुए कहा, “वित्त मंत्रालय का आर्थिक सर्वेक्षण उन नीतियों की सूची होता है जिनकी आवश्यकता है, और उन नीतियों की चेतावनी भी देता है जो अवांछित हैं। नए आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार के विचार करने के लिए कई मुद्दे हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि सर्वेक्षण इस बात को रेखांकित करता है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) ग्रामीण गरीबों के लिए जीवनरेखा बना हुआ है और इसे स्थायी आजीविका के लिए एक मजबूत ग्रामीण परिसंपत्ति निर्माण कार्यक्रम के रूप में विकसित किया गया है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि अगर मनरेगा इतनी अहम योजना है, तो उसे खत्म करने की कोशिशें क्यों हो रही हैं।