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कोविड-19 का हवाला देकर संसद का सत्र रद्द करना ” शर्मनाक”: शिवसेना

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By Akanksha JainPublished On: December 17, 2020
Uddhav thackeray

मुंबई। गुरुवार को शिवसेना ने केन्द्र सरकार के संसद का शीतकालीन सत्र टालने के फैसले की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार किसान प्रदर्शन, देश की आर्थिक स्थिति और चीन के साथ सीमा पर गतिरोध जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा से बचना चाहती है। दरअसल, शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के एक सम्पादकीय में कहा कि, सत्र इसलिए रद्द किया गया ताकि विपक्ष को इन मुद्दों पर सवाल करने का मौका ही ना मिले। उसने कहा कि, ”यह कैसा लोकतंत्र है? देश तभी जिंदा रह सकता है, जब लोकतंत्र में विपक्षी दलों की आवाजें बुलंद हों। संसद की यह लोकतांत्रिक परम्परा देश को प्रेरणा देती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस परम्परा का पालन करना चाहिए।”

बता दे कि, केन्द्र सरकार ने हाल ही में कहा था कि, कोविड-19 महामारी के कारण इस साल संसद का शीतकालीन सत्र नहीं होगा और इसके मद्देनजर अगले साल जनवरी में बजट सत्र की बैठक आहूत करना उपयुक्त रहेगा। वही, सम्पादकीय में कहा गया कि, ”विश्व में एक बड़े लोकतांत्रिक देश में कोविड-19 के बावजूद चुनाव नहीं रूके। वहीं हम संसद के केवल चार दिन के सत्र की अनुमति नहीं दे रहें।”

कोविड-19 का हवाला देकर संसद का सत्र रद्द करना '' शर्मनाक'': शिवसेना

उसने आगे कहा कि, ”अमेरिका में लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव हुए और देश का राष्ट्रपति बदला गया। यह शक्तिशाली देश का लोकतंत्र है, जबकि हमने लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर पर ही ताला लगा दिया।”

वही, सम्पादकीय में कहा गया कि, कोविड-19 का हवाला देकर संसद का सत्र रद्द करना ” शर्मनाक” है, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद हाल ही में सम्पन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में रैलियों को संबोधित कर रहे थे। उसने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा के पश्चिम बंगाल दौरे का भी जिक्र किया, जहां अगले साल चुनाव होने हैं।

उसने कहा कि, सभी लोग अपने काम पर जा रहे हैं लेकिन देश को चलाने वालों ने ही कोविड-19 के डर का हवाला देकर संसद पर ”ताला” लगा दिया है। सम्पादकीय में पूछा गया कि कोविड-19 के दौरान अगर लोकसभा ”बंद” ही रहनी है तो नई संसद बनाने की क्या जरूरत है।