हैदराबाद : बाबरी विध्वंस की 28 वीं बरसी और शौर्य दिवस के मौके पर आज असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर से कहा है कि अयोध्या में मस्जिद ही थी. AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सासंद ओवैसी ने रविवार को कहा है कि हमारे साथ हुईं नाइंसाफी को हम कभी नहीं भूलेंगे. हमारे पूर्वज यहां पर नमाज पढ़ा करते थे. ओवैसी ने इसे लेकर एक ट्वीट किया है.
अपने आधिकारिक एकाउंट पर ट्वीट करते हुए ओवैसी ने लिखा है कि, ”आज ही के दिन 1992 में पूरी दुनिया के सामने हमारी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया. इसके लिए जो जिम्मेदार थे उन्हें एक दिन की भी सजा नहीं हुई, इस नाइंसाफी को कभी मत भूलिए.”

आपको जानकारी के लिए बता दें कि साल 2019 में देश की सर्वोच्च अदालत ने अयोध्या मामले पर हिन्दुओं के पक्ष में फ़ैसला सुनाया था. अदालत ने माना था कि अयोध्या में पहले राम मंदिर ही था और राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया गया था. इस बार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बाबरी की पहली बरसी है.

अयोध्या में प्रशासन का सख़्त रवैया…
बता दें कि जहां हिन्दू हर साल आज के दिन को भगवा दिवस या शौर्य दिवस के रुप में मनाते हैं, तो वहीं मुस्लिम इसे काला दिवस के रुप में मनाते हैं. हालांकि प्रशासन ने इस बार अयोध्या में किसी भी तरह के कार्यक्रम पर सख़्त रोक लगा रखी है. पूरे जिले में प्रशासन ने किसी भी समुदाय को किसी भी तरह के कार्यक्रम के लिए अनुमति प्रदान नहीं की है. साथ ही कोरोना महामारी के नियमों को भी देखते हुए प्रशासन ने सख़्त रवैया अपनाया है.