मुंबई। चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath shinde) गुट को ‘असली शिवसेना’ का दर्जा देकर अचानक ठाकरे परिवार को राजनीतिक परिदृश्य से गायब कर दिया है। चुनाव आयोग द्वारा शिव सेना (shivsena) का नाम और चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे गुट को दिया गया है। अब संसद भवन में शिवसेना को आवंटित कार्यालय भी एकनाथ शिंदे गुट को मिल गया है।
क्या है ये मामला?
एकनाथ शिंदे गुट को संसद कार्यालय भी सौंप दिया गया है। चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम और धनुष-बाण का पार्टी सिंबल, दोनों पर शिंदे का हक माना है। हालांकि ठाकरे परिवार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जानकारी के लिए आपको बता दे कि, चुनाव आयोग के फैसले के बाद शिंदे गुट ने लोकसभा सचिवालय को पत्र लिखकर संसद भवन में शिवसेना संसदीय दल का दफ्तर उनको देने का अनुरोध किया था।
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दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली उद्धव ठाकरे की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा। लोकसभा सचिवालय ने अपने आदेश में कहा है कि संसद भवन का कमरा नंबर 128 शिव सेना संसदीय पार्टी को बतौर कार्यालय आवंटित किया जाता है।