जयपुर। देश में हैवानियत की हदें पार होती जा रही है। हाल ही में राजस्थान के अलवर में एक मूक बधिर बच्ची के साथ दरिंदगी का मामला सामने आया है। जिसके बाद अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने जांच के बाद लड़की के साथ रेप की घटना से इनकार कर दिया है। बता दें कि, शुक्रवार को अलवर के पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने खुद मीडिया को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले में अभी रेप की पुष्टि नहीं हुई है।
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गौरतलब है कि फिलहाल पीड़िता का इलाज जयपुर में किया जा रहा है। वहां के डॉक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर अलवर की एसपी तेजस्विनी गौतम ने कहा कि लड़की जिस ऑटो में सवार थी, उसकी भी एफएसएल जांच कराई गई लेकिन कोई संशय नजर नहीं आया है। जो लास्ट सीसीटीवी फुटेज मिला है, वह घटना स्थल से 300 मीटर पहले का है। जिसमें लड़की करीब 7:30 बजे के करीब चलते हुए दिख रही है। पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी ने बताया कि इस बीच 20 मिनट में घटना कैसे हुई, उसी पर पुलिस की टीमें फोकस कर रही हैं।
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वहीं दूसरी ओर, अलवर के जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाडिया का कहना है कि लड़की के साथ बलात्कार हुआ है या नहीं, यह अभी नहीं कहा जा सकता। बता दें कि, बच्ची की हालत जानने पहुंची राजस्थान के महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने भरोसा दिलाया कि अपराधी जल्दी पकड़े जाएंगे। साथ ही उन्होंने पीड़िता के लिए छह लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया, जिसमें पांच लाख रुपये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से मुआवजा दिया गया है जबकि एक लाख रुपया महिला विकास मंत्रालय की तरफ से दिया गया है। अलवर से आने वाले सामाजिक न्याय मंत्री टीकाराम जूली ने भी अलवर में परिजनों को साढ़े 3 लाख रुपया की आर्थिक सहायता दी।