पेंशनर्स को हाई कोर्ट ने दी बड़ी राहत, पेंशन से नहीं होगी कटौती

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By Kalash TiwaryPublished On: June 5, 2025

Pension : हाई कोर्ट द्वारा कर्मचारियों को एक बार फिर से बड़ी राहत दी गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने पेंशन में कटौती मामले की सुनवाई की। इस दौरान राज्य सरकार के रिटायर्ड शिक्षक और अन्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की हजार याचिकाओं को निस्तारण करते हुए हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।


3 महीने के भीतर प्रत्यावेदन निस्तारण करने के आदेश

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले के संबंध में राज्य सरकार को कमेटी गठित कर याचिकर्ताओं के प्रत्यावेदन लेने और 3 महीने के भीतर इसका निस्तारण करने के आदेश जारी किए है। साथ ही अब उनके पेंशन में कटौती नहीं की जाएगी।

याचिकर्ताओं से पेंशन की वसूली नहीं

अदालत ने स्पष्ट किया है कि याचिकर्ताओं से पेंशन की वसूली नहीं की जाएगी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने पारित किया है। बता दे की याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि उन्होंने रिटायरमेंट के समय पेंशन के आधार पर जो एकमुश्त धनराशि ली थी। उसकी वसूली के तौर पर याचिकाकर्ताओं की मासिक पेंशन से एक निश्चित रकम की कटौती की जाएगी।

यह है मामला 

मासिक कटौती की धनराशि कर्मचारियों की ओर से रिटायरमेंट के समय ली गई धनराशि के 1% से कुछ अधिक है। इस प्रकार जो मासिक कटौती की जा रही है, उससे कर्मचारियों द्वारा लिए गए एडवांस पेंशन का भुगतान ब्याज समेत 10 साल 11 महीने में हो जाता है। जिसे मोटे तौर पर 11 वर्ष माना जा सकता है। अधिक से अधिक 12 वर्ष तक इसकी वसूली की जा सकती है।

यह भी दलील दिया गया कि राज्य सरकार की ओर से 8 दिसंबर 2008 को शासन आदेश जारी किया गया था। जिसके जरिए मासिक कटौती की ब्याज 15 वर्ष कर दी गई है, जो विधि पूर्ण सही नहीं है। वहीं वित्त विभाग की ओर से न्यायालय को बताया गया की याचिकाकर्ताओं की समस्याओं के निवारण के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है।

इस पर अदालत ने याचिका कर्ताओं को एक महीने में कमेटी के समक्ष प्रत्यावेदन देने का समय दिया है और उसके पश्चात 3 महीने के भीतर प्रत्यावेदन को निस्तारित करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश के इन पेंशनर्स के पेंशन से अब कटौती नहीं की जाएगी।