मध्य प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र में अब देश के नामी उद्योगपति अडानी ग्रुप ने कदम रख दिया है। सिंगरौली जिले के धिरौली क्षेत्र में स्थित कोयला खदान का संचालन अडानी पावर लिमिटेड करेगी। सरकार की मंजूरी के बाद कंपनी ने यहां खनन की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस खदान के संचालन से प्रदेश में बिजली उत्पादन क्षमता में बड़ा इज़ाफा होने की उम्मीद है।
धिरौली खदान की क्षमता और भंडार
सिंगरौली की धिरौली खदान की सालाना पीक उत्पादन क्षमता 6.5 मिलियन टन (एमटीपीए) तय की गई है। इसमें से 5 मिलियन टन उत्पादन ओपन कास्ट माइनिंग से होगा, जबकि शेष हिस्सा भूमिगत खनन से निकाला जाएगा। खदान में 620 मिलियन मीट्रिक टन ग्रास जियोलाजिकल रिजर्व और लगभग 558 एमएमटी शुद्ध भंडार मौजूद है। योजना के मुताबिक, वित्त वर्ष 2027 तक ओपन कास्ट उत्पादन क्षमता पूरी तरह हासिल कर ली जाएगी, जबकि भूमिगत खनन की शुरुआत 9 साल बाद होगी।
30 साल की लीज़ और ऊर्जा आपूर्ति
अडानी पावर को इस ब्लॉक का संचालन 30 वर्षों के लिए लीज़ पर दिया गया है। धिरौली ब्लॉक से प्राप्त कोयला न केवल कंपनी की मर्चेंट पावर आवश्यकताओं को पूरा करेगा बल्कि सिंगरौली में स्थापित पावर प्लांट को भी आपूर्ति की जाएगी। यह कदम अडानी पावर के ऊर्जा उत्पादन और वितरण के नेटवर्क को और मजबूत करेगा।
पावर प्लांट विस्तार की महत्वाकांक्षी योजना
वर्तमान में धिरौली से जुड़े पावर प्लांट की क्षमता 1,200 मेगावाट है। कंपनी ने इसे चरणबद्ध तरीके से बढ़ाकर 3,200 मेगावाट तक विस्तारित करने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। इस विस्तार से न केवल प्रदेश बल्कि देशभर में ऊर्जा आपूर्ति को मजबूती मिलेगी और औद्योगिक व घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ होगा।