ACB की टीम केजरीवाल के घर से लौटी वापस, आखिर क्या हैं ये 15 करोड़ का मामला?

अरविंद केजरीवाल ने BJP पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया, जिसके बाद एलजी के आदेश पर एसीबी ने मामले की जांच शुरू कर दी हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों से महज एक दिन पहले, शुक्रवार को राजधानी की राजनीति में बड़ा उथल-पुथल देखने को मिला। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा उनके प्रत्याशियों को खरीदने की कोशिश के आरोपों के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। इस आरोप के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने जांच के आदेश दिए, जिसके तहत एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम केजरीवाल के घर पहुंची।

ACB की टीम को नहीं मिली एंट्री

ACB की चार सदस्यीय टीम केजरीवाल के घर जांच के लिए पहुंची, लेकिन उन्हें घर के अंदर प्रवेश नहीं मिला है। टीम के अधिकारी बाहर ही इंतजार कर रहे हैं। इस बीच, आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़े सूत्रों का दावा है कि ACB अधिकारियों के पास कोई आधिकारिक नोटिस नहीं था, न ही उनके पास ACB की आधिकारिक स्टांप थी।

क्या हैं 15 करोड़ का मामला ?

AAP सरकार में मंत्री मुकेश अहलावत और विधायक विनय मिश्रा ने भी दावा किया कि उन्हें बीजेपी की ओर से फोन कर पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया गया था। मुकेश अहलावत ने बताया कि उन्हें व्हाट्सएप कॉल के जरिए संपर्क किया गया और कहा गया कि बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा उनसे मिलना चाहते हैं।

AAP के एक अन्य विधायक ने दावा किया कि बीजेपी के एक नेता ने उनसे संपर्क कर पार्टी में शामिल होने के लिए कहा और इसके बदले 15 करोड़ रुपये और मंत्री पद का ऑफर दिया। उन्होंने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि चाहे 15 करोड़ रुपये दें या 15 हजार करोड़, वे अरविंद केजरीवाल के साथ थे, हैं और रहेंगे।