नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच पिछले करीब दो महीनों से तनाव की स्थिति बनी हुई है लेकिन पिछले हफ्ते गलवान घाटी में हुई खुनी झड़प के बाद हालात और बिगड़ गए है। गलवान घाटी में भारतीय-चीनी सैनिकों के बीच हुए हिंसक झड़प में देश के 20 जवान शहीद हो गए हैं, इसके बाद से भारत ने चीन के खिलाफ सख्त रुप अपना रखा है।
इस घटना पर चीन कितना ही झूठ बोल ले लेकिन सच धीरे-धीरे सामने आ रहा है। हाल ही में अमेरिकी इंटेलिजेंस रिपोर्ट ने दावा किया है कि चीन का भारत के जवानों पर हमला सोची समझी चाल थी। इसके लिए चीनी आर्मी में जनरल रैंक के अफसर ने मौके पर मौजूद जवानों को ऑर्डर दिया था, जिसका नतीजा एक खूनी झड़प हुआ।
अमेरिकी इंटेलिजेंस के अनुसार, जनरल झाओ झोंग्की जो कि चीनी आर्मी के वेस्ट थियेटर कमांड के प्रमुख हैं, उन्होंने ही भारतीय बॉर्डर पर इस एक्शन का आदेश दिया था। झाओ पहले भी भारत के खिलाफ काफी एक्शन लेते आए हैं और उनका मानना रहा है कि अमेरिका और उसके मित्र देशों के सामने चीन को कमजोर नहीं पड़ना चाहिए और भारतीय सैनिकों पर हमला उसी की एक चाल थी। लेकिन चीन ने जैसा सोचा था ये हमला वैसा नहीं गया और उल्टा उसके सैनिकों को अधिक नुकसान हो गया।
अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन की हमले की सोची समझी साजिश उसी पर उल्टी पड़ गई और हमले में चीन के भी 35 सैनिक मारे गए है। हालांकि चीन इस बात को मानने को तैयार नहीं है। चीन चाहता है कि भारत उसके आसपास के देशों के साथ ही उलझकर रह जाए, ताकि अमेरिका से दूरी बनी रहे।
अमेरिकी इंटेलिजेंस की रिपोर्ट भी दावा करती है कि चीन ने गलवान घाटी के पास काफी हथियार जमा किए हैं और अपना एक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया है। 15 जून की घटना को लेकर कहा गया है कि जब भारत के कुछ अफसर और जवान चीन से बात करने पहुंचे तो चीनी सैनिक पहले से ही हथियारों के साथ घात लगाकर बैठे थे जिसके बाद उन्होंने हमला कर दिया। जब दूसरे भारतीय सैनिक बचाव के लिए आए तो दोनों सेनाओं में खूनी झड़प हुई।
गौरतलब है कि इस पूरे मसले पर अमेरिका की ओर से लगातार बयान दिया गया है। एक ओर व्हाइट हाउस और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों में समझौता कराने की बात कही है तो दूसरी ओर विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने पूरी तरह से चीन को ज़िम्मेदार ठहराया है। साथ ही चीन भी अमेरिका के द्वारा भारत का समर्थन करने से चिढ़ा हुआ है।