आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर आयोजित समारोह में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक खास फैसला किया। उन्होंने आरक्षित सीट को छोड़कर आम लोगों के बीच बैठने का निर्णय लिया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, समारोह के लिए पहले से राहुल गांधी के लिए आगे की पंक्ति में एक सीट आरक्षित थी, लेकिन राहुल ने खुद से पीछे की पंक्ति में बैठने का फैसला किया।
सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।
हमारे लिए स्वतंत्रता सिर्फ एक शब्द नहीं – संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों में पिरोया हुआ हमारा सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है।
यह शक्ति है अभिव्यक्ति की, क्षमता है सच बोलने की और उम्मीद है सपनों को पूरा करने की।
जय हिंद। 🇮🇳 pic.twitter.com/foLmlSyJDk
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 15, 2024
आम लोगों के बीच बैठने की इच्छा
राहुल गांधी ने आयोजन के दौरान व्यवस्था देख रहे अधिकारियों से कहा कि वह आम लोगों के बीच बैठना चाहते हैं। रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वह हमेशा हॉल में नेताओं के साथ बैठते हैं, लेकिन इस बार राहुल गांधी ने अपनी इच्छा व्यक्त की कि वह आम लोगों के बीच बैठें।
समारोह में खास मेहमान
राहुल गांधी जिस पंक्ति में बैठे थे, उसमें पेरिस ओलंपिक में भाग लेने वाले भारतीय एथलीट भी शामिल थे। इस पंक्ति में भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश और कप्तान हरमनप्रीत सिंह शामिल थे। साथ ही, पेरिस ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली निशानेबाज मनु भाकर भी वहाँ मौजूद थीं।
विपक्षी दलों की वापसी
यह समारोह राहुल गांधी की उपस्थिति के साथ विपक्षी दलों का दस साल का सूखा भी समाप्त हो गया। पिछले दस वर्षों में, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की शानदार जीत के कारण विपक्षी दलों के पास पर्याप्त सीटें नहीं थीं, जिससे नेता प्रतिपक्ष का पद भी खाली रहा। हाल ही में 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन सुधार हुआ और सांसदों की संख्या 52 से बढ़कर 99 हो गई। इसके बाद 25 जून को राहुल गांधी को विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया।
राहुल गांधी का स्वतंत्रता दिवस संदेश
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राहुल गांधी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा, “सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं। हमारे लिए आज़ादी सिर्फ एक शब्द नहीं है। यह संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों की दृष्टि से एक सुरक्षा जाल है। यह अभिव्यक्ति की शक्ति है।”