मध्य प्रदेश में हाल ही में लगातार हो रही भारी बारिश का सिलसिला अब थम गया है, जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिली है। हालांकि, कई नदियां, विशेषकर नर्मदा, अभी भी उफान पर हैं। जबलपुर में बरगी बांध के गेट खोलने के कारण नर्मदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, और नरसिंहपुर तथा होशंगाबाद जिलों में यह नदी अपने उच्चतम स्तर पर बह रही है।
प्रदेश में मौसम का मिजाज
1 जून से 13 सितंबर तक मध्य प्रदेश में सामान्य से 17% अधिक बारिश हुई है। इस अवधि के दौरान कुल 1027.2 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि सामान्य बारिश 880.2 मिलीमीटर होती है। 16 सितंबर से प्रदेश में एक नए मानसूनी तंत्र के सक्रिय होने की संभावना है। इस तंत्र के कारण जबलपुर, चंबल, और ग्वालियर क्षेत्र में फिर से बारिश हो सकती है, हालांकि यह बहुत तेज नहीं होगी।
बंगाल की खाड़ी में एक नया कम दबाव का क्षेत्र बन गया है, जो शनिवार को अबदाब के क्षेत्र में परिवर्तित होकर आगे बढ़ सकता है। इसी के प्रभाव से 16 सितंबर से प्रदेश में रुक-रुक कर बारिश शुरू होने की संभावना है।
इन जिलों में मौसम विभाग का अलर्ट
ग्वालियर, चंबल, जबलपुर संभाग के जिले, और कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, डिंडोरी, मंडला जैसे क्षेत्रों में मध्यम बारिश हो सकती है। कुछ क्षेत्रों में गरज और चमक के साथ हल्की बारिश भी हो सकती है। मौसम विभाग ने शनिवार को प्रदेश में कहीं भी बारिश के लिए रेड या ऑरेंज अलर्ट जारी नहीं किया है। हालांकि, पूरे प्रदेश में गरज और चमक के साथ बारिश या बौछारें पड़ने की संभावना जताई गई है।
इन जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना
भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, नर्मदा पुरम, बेतूल, हरदा, खरगोन, बड़वानी, झाबुआ, धार, इंदौर, देवास, शाजापुर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, शिवपुर, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर और पांढुर्णा जैसे जिलों में कहीं-कहीं बारिश और बज्रपात की घटनाएं हो सकती हैं।