कदम वाटिका में मालव माटी के संत, कमलकिशोर नागर अपनी मालवी भाषा शैली में भक्तों को कराऐंंगे कथा का रसपान

महिलाओं ने कथा स्थल पर किया ज्वारे बोने का काम, गौशाला सेवकों द्वारा कदम वाटिका की तैयार, 2 अप्रैल से होगी कथा

भागवत कथा के पूर्व निकलेगी भव्य कलश यात्रा, हजारों मातृशक्तियों के साथ ही मालवा व निमाड़ के गौ सेवक भक्त होंगे शामिल

इन्दौर 30 मार्च। गोम्मटगिरी जम्बडरी हप्सी स्थित गोवर्धन गौशाला की कदम वाटिका में 2 से 8 अप्रैल तक सात दिवसीय भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें मालव माटी के संत पं. कमल किशोर नागर भक्तों को अपनी मालवी शैली में कथा का रसपान कराएंगे। भागवत कथा के पूर्व मातृशक्तियों ने व्यासपीठ के चारों तरफ ज्वारें बोने का काम शुरू किया। ज्वारे बोने से पूर्व महिलाओं ने अपने हाथों से साफ-सफाई भी की।

कदम वाटिका में मालव माटी के संत, कमलकिशोर नागर अपनी मालवी भाषा शैली में भक्तों को कराऐंंगे कथा का रसपान

श्रीमद् भागवत कथा आयोजक परमानंद गेहलोत, मुकेश गेहलोत एवं जयेश गेहलोत ने बताया कि सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में मालवा माटी के संत पं. कमल किशोर नागर अपनी मालवी भाषा शैली में भक्तों को कथा का रसपान कराएंगे। गोम्मटगिरी गोवर्धन गौशाला में आयोजित होने वाली भागवत कथा दोपहर 12 से 5 बजे तक आयोजित की जाएगी। वहीं कथा के पूर्व भव्य शोभायात्रा व कलश यात्रा निकलेंगी जिसमें हजारों मातृशक्ति अपने सिर पर कलश धारण कर यात्रा में शामिल होंगी। श्रीमद् भागवत कथा गोवर्धन गौशाला समिति के सरदारसिंह सोलंकी, विनोद सोलंकी एवं संतोष नीमचा ने बताया कि भागवत कथा के लिए तैयारियों का दौर जारी है। सभी गौ भक्तों को कथा की जिम्मेदारियां भी सौंपी जा चुकी है। कथा स्थल का समतलीकरण करने के साथ ही महिलाओं द्वारा ज्वारे बोने का कार्य किया जा रहा है। कथा स्थल पर भव्य पांडाल भी यहां भक्तों के बैठने के लिए तैयार किया जा रहा है। भागवत कथा का श्रवण करने मालवा और निमाड़ के हजारों भक्तों के साथ ही गौ सेवक भक्त भी बड़ी संख्या में यहां पहुंचेंगे। सभी भक्तों की रहने एवं ठहरने की व्यवस्था भी कथा स्थल पर ही रहेगी।

कदम वाटिका में होगी भागवत कथा- महेश गेहलोत व पूर्व सरपंच राधेश्याम जी ने बताया कि गोम्मटगिरी गोवर्धन गौशाला में आयोजित होने वाली पं. कमलकिशोर नागर की भागवत कथा कदम वाटिका में होगी। भागवत कथा स्थल को कदम वाटिका नाम दिया गया है। जिसमें कदम के पेड़ों के नीचे बैठकर भक्त कथा का रसपान करेंगे।