Indore: IDA की 230 करोड रुपए कीमत की जमीन पर अवैध कब्जा किए जाने का मामला सामने आया है. मामला संज्ञान में तब आया जब IDA के पूर्व संचालक मंडल में शामिल भाजपा नेता राजेश उदावत ने IDA अध्यक्ष को इस संबंध में कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा.
अपने पत्र में राजेश उदावत ने लिखा कि इंदौर विकास प्राधिकरण की भूमि जिनके सर्वे क्रमांक 586 586 और 589, 31/2, 31/1, पार्ट 17, पार्ट 16, पार्ट 30, पार्ट 719/1 है. इस भूमि पर किए गए अवैध कब्जे को लेकर में पहले भी पत्र लिख चुका हूं लेकिन इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि जब सूचना के अधिकार के माध्यम से इस संबंध में और जानकारी अपने वकील के माध्यम से निकालना चाहिए तो यह जवाब दे दिया गया कि जिन दस्तावेजों की जानकारी चाहिए वह तकनीकी शाखा में उपलब्ध नहीं है यह 20 वर्ष पुरानी जानकारी है इसलिए उपलब्ध नहीं है.
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उदावत ने पत्र में कहा कि प्राधिकरण की योजना क्रमांक 94, 14 किलोमीटर लंबी है और कई प्रकरण विचाराधीन चल रहे हैं. ऐसे में इन जरूरी दस्तावेज का उपलब्ध नहीं होना और यह कह देना कि यह जानकारी 20 वर्ष पुरानी है इसलिए नहीं दी जा सकती, यह कहां तक उचित है. उन्होंने अधिनियम के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि समय सीमा का कोई उल्लेख कहीं भी नहीं. उन्होंने कहा कि इन भूमियों की कीमत करोड़ों में है इस वजह से यह जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है और यदि जानकारी रिकॉर्ड में नहीं है तो पेश किए गए शपथ पत्र भी झूठे होंगे.
उदावत ने बताया कि प्राधिकरण के अधिकारी इस बात पर कहते हैं कि यह भूमि 2009 में नगर निगम इंदौर को स्थानांतरित कर दी गई है लेकिन असलियत यह है कि प्राधिकरण द्वारा इन्हें कभी भी सिटी पार्क के रूप में विकसित नहीं किया गया तो यह नगर निगम को हस्तांतरित कैसे की जा सकती है. अपने पत्र में उन्होंने भूमि से संबंधित जानकारी भी उपलब्ध कराई है, ताकि उस पर कार्रवाई की जा सके.