Health Care : क्या दूसरी बार होने पर डेंगू ज्यादा खतरनाक होता है? जानें विस्तार से

Meghraj
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Health Care : इस साल भारत में भारी मॉनसून के कारण डेंगू के मामलों में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिली है। पिछले साल की तुलना में इस साल डेंगू के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है, जिससे कई राज्यों में चिंता का माहौल है। दिल्ली, एनसीआर, पुणे, महाराष्ट्र, लखनऊ समेत अन्य शहरों में डेंगू के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। यह स्थिति खासतौर पर इसलिए चिंताजनक है क्योंकि डेंगू एक बार होने के बाद दूसरी बार संक्रमित होना खतरनाक साबित हो सकता है।

आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में विस्तार से…

डेंगू क्या है और कैसे फैलता है?

डेंगू एक वायरल बुखार है, जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। इस बीमारी में संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार, शरीर में दर्द, और कमजोरी महसूस होती है। डेंगू का कारण DENV (डेंगू वायरस) होता है, और इसके चार प्रकार (DENV-1, DENV-2, DENV-3, DENV-4) होते हैं। इसका मतलब यह है कि कोई भी व्यक्ति चार बार तक डेंगू से संक्रमित हो सकता है, क्योंकि हर बार वायरस का एक अलग प्रकार शरीर में प्रवेश करता है।

दूसरी बार डेंगू होना हो सकता है घातक

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति को डेंगू दूसरी बार होता है, तो यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है। अगर संक्रमण गंभीर हो जाए तो यह शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है, और मृत्यु का भी कारण बन सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल लगभग 100 से 400 मिलियन लोग डेंगू से प्रभावित होते हैं, जिससे दुनिया की लगभग आधी आबादी इस बीमारी के खतरे में रहती है।

क्यों है दूसरी बार डेंगू संक्रमण खतरनाक?

जब एक व्यक्ति पहले डेंगू के किसी एक सीरोटाइप (DENV-1, DENV-2, DENV-3, DENV-4) से संक्रमित होता है, तो उसका शरीर उस वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा (इम्यूनिटी) विकसित कर लेता है। इस वजह से अगर वही वायरस फिर से शरीर में प्रवेश करता है, तो शरीर उसे आसानी से पहचान लेता है और उससे लड़ने में सक्षम होता है। इस स्थिति में व्यक्ति को गंभीर बीमारी नहीं होती।

लेकिन अगर व्यक्ति को किसी दूसरे प्रकार के डेंगू वायरस से संक्रमण होता है, तो उसकी इम्यून सिस्टम उस वायरस से अपरिचित होती है। इस कारण शरीर गंभीर प्रतिक्रिया करता है, और व्यक्ति डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) का शिकार हो सकता है। यह स्थिति रक्तस्राव, प्लाज्मा रिसाव, और अंगों के कामकाज में दिक्कत पैदा कर सकती है, जो जानलेवा भी हो सकती है। WHO के मुताबिक, दूसरी बार डेंगू का संक्रमण गंभीर और घातक हो सकता है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिन्होंने पहले डेंगू के एक अलग सीरोटाइप से संक्रमण झेला हो।

दूसरी बार डेंगू के लक्षण

दूसरी बार डेंगू होने पर लक्षण लगभग वही होते हैं जो पहली बार संक्रमण के समय होते हैं। लेकिन गंभीरता बढ़ने के कारण यह लक्षण ज्यादा तीव्र हो सकते हैं। दूसरी बार डेंगू के मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • तेज़ बुखार
  • भयंकर सिरदर्द
  • आंखों के पीछे दर्द
  • पेट में तेज़ दर्द
  • उल्टी और लगातार उल्टी होना
  • सांस में तेजी आना
  • नाक से खून आना
  • मसूड़ों से खून आना
  • अत्यधिक थकान और बेचैनी
  • उल्टी में खून आना
  • बहुत प्यास लगना
  • ठंडी और पीली त्वचा
  • जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द और दाने

यह लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 4 से 10 दिनों के भीतर सामने आते हैं और अगर समय रहते इलाज न किया जाए तो स्थिति गंभीर हो सकती है।

डेंगू के दूसरी बार संक्रमण को हल्के में न लें

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति में डेंगू के लक्षण दिखाई दें, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। दूसरी बार डेंगू का संक्रमण बहुत खतरनाक हो सकता है, इसलिए अगर मरीज की हालत गंभीर हो तो उसे अस्पताल में भर्ती कराना जरूरी है। अगर इलाज में देर हो जाती है तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है और जीवन की क्षति हो सकती है।

इसलिए डेंगू से बचाव के उपायों को ध्यान में रखते हुए, लोगों को एडीज मच्छर के काटने से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए और संक्रमित होने पर त्वरित चिकित्सा सहायता प्राप्त करनी चाहिए।