क्या आपने देखा है इतना सुंदर कछुआ, शेयर बाजार की तर्ज पर होती है इसकी बिक्री

Share on:

सागर: संरक्षित एवं दुर्लभ वन्य जीव के शेड्यूल-1 में शामिल तिलकधारी कछुए व पेंगोलिन शेल की तस्करी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसे में बताया जा रहा है कि तस्करी के मामले में एक अंतरराष्ट्रीय तस्कर गिरोह के 13 लोगों को 7 -7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। बता दे, उन पर 50 हजार से 5 लाख रुपए तक का जुर्माना भी किया है।

दरअसल, 4 साल पुराने इस केस के फैसले को लेकर जिला न्यायालय में सीजेएम विवेक पाठक की कोर्ट के बाहर पूरे दिन गहमागहमी रही है। जिसमें मप्र, यूपी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की पुलिस ने अलग-अलग जेलों से इन आरोपियों को लाकर कोर्ट में पेश किया। इन आरोपियों को सजा सुनाई गई है।

आपको बता दे, इसमें सरगना मन्नीवन्नन मुरुगेशन निवासी चेन्नई का नाम सबसे प्रमुख है। थाईलेंड पुलिस का यह वांटेड तीन साल से मप्र पुलिस की हिरासत में होकर केंद्रीय जेल सागर में बंद था। इसके अलावा अन्य आरोपियों में थमीम अंसारी निवासी चेन्नई, मोहम्मद इरफान, तपस बसाक, सुशीलदास उर्फ खोखा, मोहम्मद इकरार सभी निवासी कोलकाता, अजयसिंह निवासी आगरा यूपी, आजाद, रामसिंह उर्फ भोला, संपतिया बाथम, कमल बाथम, विजय गौड़ एवं कैलाशी उर्फ चच्चा निवासी मुरैना मप्र हैं।

शेयर बाजार की तरह रोज ऊपर-नीचे होते हैं दुर्लभ कछुए के दाम

लाल तिलकधारी कछुआ जिसे रेड क्राउंड टर्टल के नाम से भी जाना जाता है। जानकारी के अनुसार इस प्रजाति के देश में मात्र ९०० कछुए ही बचे हैं जो केवल मप्र की चंबल नदी में पाए जाते हैं। सुंदर गर्दन वाले इन कछुओं की अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। तस्कर इन्हें एक लाख से साढ़े तीन लाख रुपए तक में बेचते हैं। कछुए की डिमांड को इतने से समझा जा सकता है कि विदेशों में इनका मार्केट शेयर बाजार की तर्ज पर रोज ऊपर नीचे होता रहता है।