Guru Purnima: जरूर करें गुरु पूर्णिमा की ये आरती, जानें महत्त्व

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हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, गुरु पूर्णिमा का काफी ज्यादा महत्त्व माना जाता है। गुरु पूर्णिमा देशभर में मनाई जाती है। इस दिन गुरु और इष्ट देव की पूजा की जाती है। इस बार 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा माने जाएगी। वैसे इस साल गुरु पूर्णिमा वाले दिन चंद्र ग्रहण भी है। मान्यताओं के अनुसार, गुरु पूर्णिमा के दिन हमे अपने गुरु की आरती करना चाहिए। आज हम आपको गुरु पूर्णिमा की आरती बताने जा रहे हैं। जिसे आपको एक बार जरूर कल के दिन पढ़ना चाहिए। तो चलिए जानते हैं उस आरती के बारे में –

ये है गुरु पूर्णिमा की आरती –

प्यारे गुरुवर की आरती
जय गुरुदेव अमल अविनाशी, ज्ञानरूप अन्तर के वासी,
पग पग पर देते प्रकाश, जैसे किरणें दिनकर कीं.
आरती करूं गुरुवर की..
जब से शरण तुम्हारी आए, अमृत से मीठे फल पाए,
शरण तुम्हारी क्या है छाया, कल्पवृक्ष तरुवर की.
आरती करूं गुरुवर की..
ब्रह्मज्ञान के पूर्ण प्रकाशक, योगज्ञान के अटल प्रवर्तक.
जय गुरु चरण-सरोज मिटा दी, व्यथा हमारे उर की.
आरती करूं गुरुवर की.
अंधकार से हमें निकाला, दिखलाया है अमर उजाला,
कब से जाने छान रहे थे, खाक सुनो दर-दर की.
आरती करूं गुरुवर की..
संशय मिटा विवेक कराया, भवसागर से पार लंघाया,
अमर प्रदीप जलाकर कर दी, निशा दूर इस तन की.
आरती करूं गुरुवर की..
भेदों बीच अभेद बताया, आवागमन विमुक्त कराया,
धन्य हुए हम पाकर धारा, ब्रह्मज्ञान निर्झर की.
आरती करूं गुरुवर की..
करो कृपा सद्गुरु जग-तारन, सत्पथ-दर्शक भ्रांति-निवारण,
जय हो नित्य ज्योति दिखलाने वाले लीलाधर की.
आरती करूं गुरुवर की..
आरती करूं सद्गुरु की
प्यारे गुरुवर की आरती, आरती करूं गुरुवर की.