केंद्र सरकार बिजली उत्पादन में सौर ऊर्जा व अन्य वैकल्पिक स्त्रोतों के उपयोग पर बल दे रही है। पेट्रोल (petrol) डीज़ल के उपयोग वाले परम्परागत तरीकों से बिजली उत्पादन से इम्पोर्ट बिल में अधिकता आती है , केंद्र सरकार इस बिल में कमी करना चाहती है। केंद्र सरकार ने इस वर्ष के अंत तक 100 गीगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य भी सौर ऊर्जा के माध्यम से रखा है। इस स्किम के अंतर्गत 40 मेगावाट बिजली का उत्पादन छतों पर सोलर पैनल लगाकर कर किया जाएगा। इस योजना को सफल बनाने के लिए सरकार द्वारा घरों की छत पर सौर ऊर्जा पेनल लगाने पर सब्सिडी (subsidy) देने की भी घोषणा की गई है।
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जनता के लिए फायदेमंद है योजना
केंद्र सरकार की सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन की यह योजना जनता के लिए बेहद ही लाभप्रद सिद्ध होने वाली है। इस स्कीम के अंतर्गत सोलर पैनल लगवाने से बहुत ही कम खर्च आता है। क्योंकि सरकार के द्वारा खर्च का एक बड़ा भाग सब्सिडी के माध्यम से दिया जा रहा है। इसके साथ ही सबसे बड़ा फायदा यह है कि सौर ऊर्जा के इस्तमाल से बिजली के बिल का खर्चा भी समाप्त हो जाता है। अपने घर के इस्तमाल से अधिक बिजली निर्माण होने पर बिजली वितरण कंपनियों को बिजली बेचने की भी सुविधा प्रदान की जा रही है।
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पर्यावरण सरक्षण में भी मिलेगी मदद
सौर ऊर्जा के उपयोग के माध्यम से पर्यावरण के सरक्षण और संवर्धन में भी काफी मदद मिलती है। पारम्परिक तरीकों से बिजली उत्पादन में पैट्रोल और डीजल का भी बड़ी मात्रा में उपयोग होता है , जिससे ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने के साथ अन्य प्रकार से भी पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है। सौर ऊर्जा के प्रयोग से पर्यावरण के सरंक्षण में अच्छी खासी सहायता मिल सकती है।