इंदौर जिले में हर मंगलवार जनसुनवाई का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी सहित अन्य अधिकारी जनसुनवाई में सैकड़ों नागरिकों की समस्याओं को गंभीरता से सुनकर उनका संवेदनशील होकर निराकरण कर रहे हैं। जनसुनवाई में जरूरतमंदों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप सहायता उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस जनसुनवाई से अनेक जरूरतमंदों को जीने का नया सहारा मिल रहा है।
जनसुनवाई में कुम्हारखाड़ी निवासी माया सेन पहुंची। उसने कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी को अपनी समस्याएं बतायी। उसने बताया कि उसके पति नागूलाल सेन और मेरा एक बेटा दोनों दिव्यांग है। हमारी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। मेरे पास आय का कोई साधन नहीं है। कलेक्टर ने गंभीरता से उसकी बात को सुना तथा कहा कि तुम्हें मोटोराइज्ड दो पहिया दिलवा देते हैं। इस वाहन पर पीछे एक छोटी ट्राली लगाकर कुछ भी व्यवसाय करके जीवन व्यापन कर सकते हो। यह बात उसके पति नागूलाल और उसे समझ आ गयी।
वाहन लेने को वह तैयार हो गयी। कलेक्टर ने सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों को आज ही वाहन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसी तरह रोजगार की तलाश में आयी ममता राठौर को भी कलेक्टर ने इसी तरह का वाहन रोजगार के लिए देने के निर्देश दिए। इन दोनों परिवारों को इससे जीने का नया सहारा मिल गया। इसी तरह एक ग्यारह वर्षीय बालिका को लेकर उसके परिजन पहुंचे। उन्होंने बताया कि इसे शुगर की बीमारी है। इंसुलिन पर बेहद खर्चा होता है। कलेक्टर ने रेडक्रास से तत्काल दस हजार की आर्थिक सहायता स्वीकृत की और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस बालिका का विशेषज्ञों के माध्यम से बेहतर से बेहतर इलाज कराने के निर्देश दिए। इसी तरह जनसुनवाई में परदेशीपुरा निवासी माया पति स्व. जगदीश भी पहुंची।
इसने बताया कि उसके पति का निधन हो गया है। मेरे पास रोजगार का कुछ साधन नहीं है। मैं अपना जीवन व्यापन करने के लिए कुछ छोटा-मोटा व्यवसाय करना चाहती हूं, परंतु मेरे पास हाथ-ठेला नहीं है। कलेक्टर ने तुरंत ही हाथ-ठेला क्रय करने के लिए तीन हजार रूपये की राशि रेडक्रास से स्वीकृत की। इसी तरह छत्रीबाग निवासी प्रीति पोरवाल को भी छोटा-मोटा व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए तीन हजार रूपये की आर्थिक मदद स्वीकृत की गयी। जनसुवाई की सार्थकता इन प्रकरणों से साबित हो रही है।