देश में गर्मी शुरू होते ही जल संकट मंडराना शुरू हो जाता है। वाटर लेवल काफी नीचे चले जाने की वजह से पानी की समस्या उत्पन्न होती है। ऐसे में सबसे ज्यादा पानी की आवश्यकता खेती में होती है गेहूं और धान की खेती में होती है। ऐसे में पानी भी सबसे अधिक लगता है। ग्राउंड वाटर का इस्तेमाल इस खेती में किया जाता है। यही वजह है कि हरियाणा प्रदेश में धान उत्पाद राज्य में ग्राउंड लेवल काफी नीचे पहुंच गया है, लेकिन इसको लेकर सरकार भी सतर्क हो गई है।
धान खेती में सबसे अधिक पानी होता है इस्तेमाल
किसान गेहूं के अलावा धान की फसल का उत्पादन करता है, लेकिन धान की खेती में पानी सबसे अधिक लगता है। धान की खेती में किसान सिंचाई करने के लिए ट्यूबवेल या फिर कुंए का इस्तेमाल करता है। धान की खेती करने पर 50 लाख लीटर पानी का इस्तेमाल किया जाता है। हरियाणा में 33 लाख एकड़ में धान की खेती की गई है। ऐसे में अन्य राज्यों की तरह हरियाणा में वाटर लेवल भी नीचे पहुंच गया है, लेकिन गिरते वाटर लेवल और पानी के संकट से बचाने के लिए सरकार ने अब एक नया कदम उठाया है।
वाटर लेवल बचाने इस योजना की शुरुआत की
आपकी जानकारी के लिए बता दें हरियाणा सरकार द्वारा वाटर लेवल को कम होने से बचाने के लिए मेरा पानी मेरी विरासत योजना का शुभारंभ किया है। इस योजना के तहत वाटर लेवल बचाया जा सकेगा। साथ ही इसमें धान की वजह किसानों को दूसरी ऐसी फसल का उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिसमें पानी की अत्यधिक आवश्यकता ना पड़े। ऐसे में किसान फसलों का उत्पादन भी कर सकेगा साथ ही आय का स्रोत बनने के अलावा वाटर लेवल भी नीचे नहीं जाएगा।
इन खेती पर मिल रही सब्सिडी
हरियाणा सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत धान के अलावा अन्य फसलों के उत्पादन पर 7 हजार सब्सिडी प्रति एकड़ से देने की घोषणा की है। जिसके तहत किसानों को धान की खेती में अधिक पैसा नहीं देना पड़ेगा। इसमें किसानों को मक्का, दाल, सब्जी और तिलहन की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इन फसलों की खेती में पानी की आवश्यकता बहुत कम होती है। इसके अलावा इस पर सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जाती है।
ड्रिप इरिगेशन पर मिलेगी 80% सब्सिडी
पानी के संकट से जूझ रहा हरियाणा को बचाने के लिए सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है। सरकार ड्रिप इरिगेशन पर भी 80% तक सब्सिडी दे रही है। इसके तहत फसलों की सिंचाई करने पर पानी की बर्बादी ही नहीं होगी वही बूंद बूंद कर पानी फसलों की जड़ों तक आसानी से पहुंचाया जा सकेगा। अगर आप भी धान के अलावा कोई दूसरी फसल का उत्पादन करना चाहते हैं तो आज ही योजना बनाएं और सरकार की तरफ से मिलना है मिल रहे अनुदान का लाभ उठाएं।