जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख और आतंकी यासीन मलिक पर राजद्रोह का मामला चल रहा है। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत ने उसे पिछले साल मई में सजा सुनाई थी, और तब से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। यासीन मलिक ने जेल में अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाते हुए 2 नवंबर से भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है। अब उनकी पत्नी मुशाल हुसैन ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर यासीन की रिहाई की मांग की है। मुशाल ने अपने पति को निर्दोष बताया और पत्र में राहुल गांधी से आग्रह किया है कि वे यासीन मलिक का मुद्दा संसद में उठाएं।
जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करने की उम्मीद
मुशाल ने अपने पत्र में यहां तक लिखा है कि यासीन को जेल से रिहा किया जाए क्योंकि वह जम्मू-कश्मीर में शांति ला सकता है। हुसैन ने आरोप लगाया कि यासीन पर कई बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं और उसका किसी भी मामले से कोई संबंध नहीं है। साथ ही, कुछ लोग उसे मौत की सजा देने की मांग भी कर रहे हैं।
राजद्रोह का मुकदमा अभी भी जारी
यह जानकारी दी जाती है कि यासीन पर करीब 32 वर्षों से राजद्रोह का मामला चल रहा है। 1989 में, तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण का मामला भी उसके खिलाफ दर्ज किया गया था। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट ने इस अपहरण की जिम्मेदारी ली थी। इसके अलावा, यासीन पर 2017 में आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग करने समेत कई अन्य आरोप भी लगाए गए हैं।