इससे शर्मनाक और क्या होगा कि 18 वर्ष के शिवराज आज भी चुनावी सभाओं में विकास के लिये 2 वर्ष और मांग रहे हैं : कमलनाथ

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भोपाल – पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा पृथ्वीपुर क्षेत्र में चुनावी सभाओं में दिए गए संबोधन और आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि इससे शर्मनाक और कुछ नहीं हो सकता कि 18 वर्ष के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आज चुनावी सभाओं में जनता से विकास के लिये 2 वर्ष और मांग रहे हैं ? विकास के लिए 18 वर्ष कम होते हैं क्या ? जिनको विकास करना हो वह तो 15 माह में ही विकास का इतिहास लिख देते हैं और जिन्होंने 18 वर्ष तक विकास नही किया , उनसे आगे उम्मीद कैसे की जा सकती है ?

18 वर्ष आपने किया क्या ,विकास तो किया नहीं , सिर्फ़ झूठ बोलकर ,झूठी घोषणाएं कर , झूठे नारियल फोड़कर जनता को गुमराह किया और हर चुनाव में विकास के लिए अगले 5 साल मांगने लग जाते हैं , अब 2 वर्ष बचे है तो 2 वर्ष और मांग रहे हैं लेकिन जनता आपको पहचान चुकी है ,पूरे 18 वर्ष दे चुकी है ,अब आपको वो एक दिन भी देना नही चाहती है।

आपने आज सभाओं में ठीक कहा कि यह चुनाव “बदलाव का चुनाव है” , 2 नवंबर के बाद बदलाव होना तय है।
बड़ा आश्चर्य लगा यह सुनकर कि आप आज जनता से कह रहे थे कि मैं झूठ नहीं बोलता ? आज फिर झूठ शर्मा गया ,जो व्यक्ति सुबह से रात तक सिर्फ झूठ ही बोलता है ,वह कितनी साफगोई से कह रहा है कि मैं झूठ नहीं बोलता ? शिवराज जी आपको तो यह बोलना चाहिए कि मैं कभी सच नहीं बोलता।

नाथ ने कहा कि शिवराज जी यदि आपने प्रदेश में विकास किया होता तो आज आपको मंचों से जनता को गुमराह करने के लिए ,झूठी घोषणाएं ,झूठे वादों की नोटंकियाँ नहीं करना पड़ती।जनता तो खुद आपका विकास देखकर आपको घर बैठे ही चुनाव जीता देती। शिवराज जी कह रहे हैं कि कमलनाथ वल्लभ भवन में ही बैठे रहते थे।ठीक कहा आपने मैं कभी घर बैठता नही था , मैं तो वल्लभ भवन में बैठकर प्रदेश के विकास की योजनाएं बनाता था ,जनकल्याण के काम करता था ,लोगों के दुख दर्द को बाँटता था ,विकास के काम करता था और आप तो वह हो जो किसी किसान की फसल खराब होती थी तो उसके खेत में जाते थे ,खराब फसल के और पीड़ित किसान के साथ फोटो खिंचाते थे और उसी किसान को खराब फसल का मुआवजा कभी नहीं मिलता था।प्रदेश के किसी भी हिस्से में बाढ़ आती थी ,आप वहां मौके पर जाते थे ,पीड़ित लोगों के बीच जाकर खूब भाषण देते है ,बड़ी-बड़ी घोषणाएं करते है ,मुआवजे के बड़े-बड़े दावे करते थे और बाद में उनको ना तो मुआवजा मिलता है और ना राशन ,मिलता है तो सिर्फ़ आपका भाषण।

शिवराज जी कह रहे हैं कि मैं तो जनता के बीच रहता हूं ,उनके दुख दर्द बाँटता हूं तो आप यह भी बता दें कि नेमावर में जघन्य हत्याकांड हुआ ,नीमच में एक आदिवासी को वाहन से बांधकर घसीट कर मार दिया गया ,खरगोन में एक आदिवासी की पुलिस प्रताड़ना से मौत हो गयी ,प्रदेश के कई हिस्सों में जहरीली शराब से कई लोगों की मौते हुई ,गंजबासौदा में कुआं धसने कई लोगों की मौत हुई ,आप किस पीड़ित परिवार के आंसू पहुंचने उनके बीच आज तक पहुँचे क्या ?
शिवराज जी आप कह रहे हैं कि आपने प्रदेश के कर्मचारियों का 8% डीए बढ़ाया।आपने कोई एहसान नहीं किया ,यह तो मेरी सरकार का निर्णय था ,मेरी सरकार ने तो 15 मार्च 2020 को ही डीए बढ़ाने का निर्णय लिया था ,आपकी सरकार ने तो उसे 19 माह तक लटकाए रखा ,कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात किया।अभी आपने जो डीए बढ़ाया है ,वह अधूरा है ,केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अभी भी 11% अधिक डीए मिल रहा है।यदि आप कर्मचारियों का हित चाहते हैं तो प्रदेश के कर्मचारियों का डीए बढ़ाकर उसे केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान करें।मध्यप्रदेश के पहले देश के सात राज्य कर्मचारियों का डीए बढ़ा चुके हैं।

शिवराज जी सभा में कह रहे हैं कि कमलनाथ सरकार ने किसानों का कर्ज माफ नहीं किया।अरे कैसे आप इतना झूठ बोल लेते हैं ,आप की सरकार ने तो खुद विधानसभा में लिख कर स्वीकार किया कि पहले चरण में ही हमने 27 लाख किसानों का कर्ज माफ हुआ है और दूसरा चरण अभी चालू था। नाथ ने कहा कि शिवराज जी आप सभा में कह रहे थे कि 100 करोड लोगों को वैक्सिंग लग चुकी है तो मैं आपके झूठ को सुधार दूँ कि 100 करोड़ लोगों को नहीं ,100 करोड़ डोज़ अभी तक लग चुके हैं। हमेशा की तरह आज भी आज भी आप झूठ परोस रहे है कि मैंने संबल योजना बंद कर दी ,गरीबों की योजनाए बंद कर दी।प्रदेश की जनता इस सच्चाई को जानती है कि मैंने ग़रीबों की किसी भी योजना को कभी बंद नही किया ,मेने बंद किया तो सिर्फ आपकी सरकार का उस योजना में चल रहा भ्रष्टाचार।

शिवराज जी कह रहे हैं कि मैं लोगों की जिंदगी बदलने के लिए सीएम बना , इन 18 वर्षों में जनता की ज़िंदगी तो नही बदली लेकिन यह सच है कि आपकी जिंदगी जरूर इन 18 वर्षों में बदल गयी है। आप कह रहे हैं कि किसान भाई चिंता मत करो मैं आपके साथ हैं तो शिवराज जी आज किसानों को खाद की एक-एक बोरी नहीं मिल पा रही है ,वह सड़कों पर हैं ,रोज पुलिस की मार खा रहा है ,बारिश से फसल खराब होने पर उन्हें मुआवजा अभी नहीं मिला है ,वो तो रोज़ आपको ढूँढ रहा है।

पिछले 18 वर्ष से आप युवाओं को रोजगार देने को लेकर झूठ परोस रहे हैं लेकिन यदि आंकड़ों को देखा जाए तो प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 34 लाख को पार कर चुकी है , आज भी युवा हाथो में डिग्रियाँ लेकर रोज़गार को लेकर भटक रहा है। जनता आपकी गुमराह करने वाली झूठी घोषणाओं की हकीकत को जानती है ,वह आपके किसी बहकावे में आने वाली नहीं है , वह 30 अक्टूबर को मतदान के रूप में आप से हिसाब-किताब चुकता करेगी।