और अंततः ….
एक दीपक जिसने अनेक कार्यकर्ताओं को सही रास्ता दिखाया और चलना सीखाया है। अचानक प्रभात झा स्वर्गीय हो गये…एक प्रसिद्ध, एक चिंतक, एक विचारक,एक लेखक,एक साहित्यकार, एक पत्रकार, एक कुशल संगठक, एक नेता और वास्तविक कार्यकर्ता जो मध्यप्रदेश भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्य़क्ष और पूर्व राज्य सभा के सांसद प्रभात झा जिन्होंने अनेको पदों को सुशोभित किया है, उनकी पैनी व धारदार कलम ने आज ब्रह्म मुहूर्त में विश्राम ले लिया है।
मेरे राजनैतिक जीवन में कई आदर्श व्यक्तित्व के धनी मेरे ह्रदय व मन की स्थायी धरोहर है, आज प्रभात के समय मे दुखद अवसान का समाचार सुनकर मेरे सामने अंधेरा सा छा गया। प्रभात झा विलक्षण प्रतिभा के धनी थे, मेरा सौभाग्य रहा है जब मैंने उनके प्रदेश अध्यक्ष के कार्यकाल के समय उनके सानिध्य मे प्रदेश कार्यालय मंत्री के रूप में संगठन को नज़दीक से जाना और पहचाना था।
प्रदेश भर के मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद और हस्त लिखित पत्रों के माध्यम से निरंतर संपर्क करना, कार्यकर्ताओं को नाम से स्मरण रखना – उनकी इस खूबी से हम सभी बख़ूबी वाक़िफ़ है। अंतिम समय तक लिखना और पढ़ना उनकी दिनचर्या रही – सामयिक विषय पर उनकी टिप्पणी करना और मीडिया के माध्यम से उस विषय को चर्चा में लाने का सद्प्रयास करन पत्रकारिता जगत के सभी पत्रकार खूब सराहते थे।
आज बहुत सारे संस्मरणों की यादों का पिटारा खुल सा गया है, रह रहकर वह सभी उनके सानिध्य की यादें विचलित कर रही है। एक बहुत बड़ी कमी का भी उल्लेख कर रहा हूँ इस कमी से लगभग सभी लोग परिचित हैं कि प्रभात झा ने जीवन भर अपने कार्य निष्ठा को तवज्जो तो खूब दी लेकिन अपने शरीर व स्वास्थ्य की चिंता कभी नहीं की, फिर भी वह एक जाबांज इंसान थे, अनेकों बार काल को पराजित कर पुनः राष्ट्र व संगठन काज में जुट जाते थे।
प्रभात झा का प्रवास से अपना विशेष नाता था, राजनैतिक पूर्वजों के जीवन व कार्यशैली का अध्ययन उनकी रूचि का विषय था, इसलिये हम सभी कार्यकर्ताओं को समय समय पर अपने संबोधन मे महापुरुषों के संदर्भ में बताते रहते थे। प्रभात झा ने अनेक नेताओं की जीवनी व उनकी कार्यशैली को पुस्तकों में सजाया है, मन तो यही कह रहा है कि लिखता ही जाऊं लेकिन…फिर सही…
आज तो नम आँखों व दु:खी ह्रदय से परम् पिता परमात्मा से यही कामना कर रहा हूँ कि सभी के मन और मस्तिष्क से घने अंधेरे को मिटाने वाले सबके लाडले प्रभात जी को अपने श्री चरणों में स्थान दें, हमें उस प्रभात का इंतज़ार हमेशा रहेगा कि उसकी दिव्य रोशनी के आलोक में संगठन काज करते रहेंगे। यही सच्ची श्रद्धांजलि व आदरांजलि होगी। प्रणाम और बारंबार प्रणाम श्रीमान् प्रभात जी भाई साहब- आप हमेशा हम सबकी स्मृति मे सदैव रहेंगे। ॐशांति ॐशांति।
आलोक संजर