सुबह-सुबह हरियाली में नंगे पांव वॉक क्यों है सुपरहेल्दी?

सुबह-सुबह घास पर नंगे पांव चलना वाकई में सुपरहेल्दी और नेचुरल थैरेपी की तरह काम करता है. यह सिर्फ एक एक्सरसाइज़ नहीं, बल्कि शरीर, मन और आत्मा तीनों को संतुलित करने का बेहद सरल, सस्ता और असरदार तरीका है.

Kumari Sakshi
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सुबह-सुबह घास पर नंगे पांव चलना वाकई में सुपरहेल्दी और नेचुरल थैरेपी की तरह काम करता है. यह सिर्फ एक एक्सरसाइज़ नहीं, बल्कि शरीर, मन और आत्मा तीनों को संतुलित करने का बेहद सरल, सस्ता और असरदार तरीका है. जानिए क्यों सुबह-सुबह घास पर नंगे पांव चलना सुपरहेल्दी माना जाता है और कितनी देर चलना चाहिए?

सुबह-सुबह घास पर नंगे पांव चलना क्यों सुपरहेल्दी है

आंखों की रोशनी में सुधार

पैरों के तलवों पर कई प्रेशर पॉइंट होते हैं जो आंखों से जुड़े होते हैं. जब आप नमी वाली घास पर नंगे पांव चलते हैं, तो ये पॉइंट्स एक्टिव होते हैं और आंखों की रोशनी बेहतर होती है.

तनाव और डिप्रेशन से राहत

सुबह की ताजी हवा और हरी घास से ग्राउंडिंग होती है, जिससे दिमाग को शांति और ताजगी मिलती है. यह तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल को कम करता है और मूड बेहतर बनाता है.

हार्ट हेल्थ और ब्लड प्रेशर में सुधार

नियमित रूप से घास पर वॉक करने से रक्त संचार सही रहता है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में मदद मिलती है.

बेहतर नींद

नंगे पांव घास पर चलना मस्तिष्क को रिलैक्स करता है और नींद की गुणवत्ता को सुधारता है.

विटामिन डी मिलता है

सुबह की हल्की धूप में चलने से शरीर को प्राकृतिक रूप से विटामिन डी मिलता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य, इम्यूनिटी और मूड के लिए आवश्यक है. नंगे पांव चलने से पैरों की छोटी-छोटी मांसपेशियां और टेंडन मजबूत होते हैं, जिससे पैरों की स्थिरता और संतुलन में सुधार होता है.

फैट बर्न और मेटाबॉलिज्म में सुधार

पैरों के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स के सक्रिय होने से पाचन क्रिया बेहतर होती है और मेटाबॉलिज्म तेज होता है जो वजन घटाने में मदद करता है.

कितनी देर करना चाहिए वॉक?

15-30 मिनट नंगे पांव वॉक सुबह के समय एक प्राकृतिक मेडिटेशन की तरह काम करती है. इससे आपका शरीर और मन दोनों एक्टिव, शांत और हेल्दी रहते हैं.