केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को रायपुर पहुंचकर नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के कैंपस और अत्याधुनिक फोरेंसिक लैब का शिलान्यास किया। इस नई सुविधा से न केवल अपराध जांच की गति बढ़ेगी बल्कि वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञता से लैस प्रोफेशनल भी तैयार होंगे। समारोह में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
इस नए फोरेंसिक कैंपस की स्थापना से छत्तीसगढ़ और इसके आसपास के राज्यों को अपराध जांच में अत्यधिक लाभ मिलेगा। रिपोर्टों में हो रही देरी के कारण अब तक कई आरोपियों को अनावश्यक रूप से जेल में रहना पड़ता था। अब फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट समय पर आने से कोर्ट में फैसला जल्दी हो पाएगा, और निर्दोषों को अनावश्यक सजा से मुक्ति मिलेगी। साथ ही जांच एजेंसियों को भी मजबूत वैज्ञानिक सहयोग मिलेगा।

यह यूनिवर्सिटी ऐसे प्रोफेशनल्स को प्रशिक्षित करेगी जो साइंटिफिक, साइबर, टेक्निकल और बायोक्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन में माहिर होंगे। इससे राज्य को बाहरी विशेषज्ञों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
क्या है NFSU और क्यों है यह खास?
नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) भारत सरकार द्वारा संचालित एक विशेष विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना वर्ष 2009 में गुजरात में की गई थी। यह यूनिवर्सिटी फोरेंसिक साइंस, इन्वेस्टिगेशन, क्रिमिनल साइकोलॉजी और साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में उच्च शिक्षा और रिसर्च प्रदान करती है। अब इसका रायपुर कैंपस छत्तीसगढ़ के लिए न केवल एक अकादमिक संस्थान होगा, बल्कि यह राज्य की न्यायिक प्रक्रिया और अपराध जांच प्रणाली को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
यहां से पढ़ाई करने वाले छात्र फोरेंसिक वैज्ञानिक, क्राइम सीन इन्वेस्टिगेटर, फोरेंसिक साइकोलॉजिस्ट जैसे प्रोफेशनल बनकर देश की न्याय व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बना सकेंगे।
NFSU से क्या होंगे लाभ?
- लंबित मामलों में तेजी: जांच रिपोर्ट समय पर आने से न्याय प्रक्रिया तेज होगी और लंबित प्रकरणों की संख्या घटेगी।
- स्थानीय प्रोफेशनल तैयार होंगे: अब राज्य को फोरेंसिक जांच के लिए बाहरी विशेषज्ञों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
- न्याय तक त्वरित पहुंच: आम नागरिकों को न्याय समय पर और सरल तरीके से मिलेगा।
- जांच की पारदर्शिता: वैज्ञानिक तरीकों से जांच होने पर रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर सवाल नहीं उठेंगे।
- टेक्निकल एक्सपर्ट का निर्माण: साइबर क्राइम, डिजिटल फॉरेंसिक और बायोलॉजिकल इन्वेस्टिगेशन में दक्ष युवा तैयार होंगे।
- आरोपियों की तेजी से पहचान: अत्याधुनिक तकनीकों से अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी में तेजी आएगी।
किन कोर्सेस की होगी शुरुआत?
NFSU रायपुर में विभिन्न अंडरग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और डिप्लोमा प्रोग्राम्स शुरू किए जाएंगे, जो फोरेंसिक और सुरक्षा संबंधित विषयों में विशेषज्ञता देंगे। प्रमुख कोर्सेस होंगे:
- फोरेंसिक साइंस
- मेडिको लीगल साइंस
- साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल फोरेंसिक
- विहैवियरल साइंस
- इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी इन इन्वेस्टिगेशन
- पुलिस साइंस एंड सिक्योरिटी मैनेजमेंट
- फोरेंसिक फार्मेसी
- फॉरेंसिक लॉ और पॉलिसी स्टडीज
- फोरेंसिक साइकोलॉजी