भीषण गर्मी पर गरुड़ पुराण में मिलती है कई रहस्यमयी भविष्यवाणी, ताप की वजह से होगा धरती का अंत!

कलयुग में धरती पर भीषण गर्मी का असर इस कदर होगा कि नदी तालाब कुएं और जलाशय सूखने लगेंगे। पानी की कमी के कारण तपती धूप का एहसास होगा

Kalash Tiwary
Kalash Tiwary
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Garud Puran Prediction : मौसम में तपती धूप के कारण लोग हाल-बेहाल हो गए हैं।उत्तर भारत सहित देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी का प्रकोप अप्रैल महीने से ही शुरू हो चुका है। वहीं आगे आने वाले दो महीने में तापमान में और अधिक इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है।

वहीं आगे आने वाले सालों के लिए भी कई भविष्यवक्ताओं और मौसम वैज्ञानिकों द्वारा कई बड़े ऐलान किये जा रहे हैं। इस बीच कलयुग के इस दौर में भीषण गर्मी को लेकर हिंदू धर्म शास्त्रों में भी पहले से कई भविष्यवाणी की गई है. जो कि आज के समय में काफी हद तक सही साबित होती नजर आ रही है।विष्णु पुराण में भीषण गर्मी पर पांच रहस्यमयी भविष्यवाणी देखने को मिलती है।

विष्णु पुराण की माने तो पृथ्वी और देवलोक के समय में एक बहुत बड़ा अंतर होता है। पृथ्वी पर 12 महीने का 1 साल होते हैं जबकि देवलोक में एक दिन और रात मिलाकर 12 महीने होते हैं। इस तरह देवलोक में 1 साल 360 सालों के बराबर होता है और 12000 दिव्या वर्षों का एक चतुर्युग होता है। वैसे विष्णु पुराण के मुताबिक पृथ्वी पर हर महीने मौसम में परिवर्तन होते हैं और देवलोक में एक ही मौसम सदियों तक बना रहता है। ऐसे में जब मौसम में परिवर्तन होते हैं, तब कलयुग का संकेत मिलता है।

भीषण गर्मी को लेकर कई भविष्यवाणी

वही विष्णु पुराण में भीषण गर्मी को लेकर कई भविष्यवाणी की गई है। जिसमें कलयुग में धरती पर भीषण गर्मी का असर इस कदर होगा कि नदी तालाब कुएं और जलाशय सूखने लगेंगे। पानी की कमी के कारण तपती धूप का एहसास होगा और लोगों को पानी तक नहीं मिलेगा।

पानी मूल्यवान वस्तुओं में गिनी जाएगी

पानी मूल्यवान वस्तुओं में गिनी जाएगी। इसके अलावा विष्णु पुराण के मुताबिक एक चतुर्युग के समाप्त होने पर धरती कमजोर हो जाती है और 100 वर्षों तक सूखा पड़ा रहता है। जिस धरती की फसले बर्बाद होने लगती है और हरियाली में भी कमी आती है।

विष्णु पुराण की माने तो एक समय ऐसा आएगा. जब कलयुग में बढ़ती गर्मी के कारण लोगों की मौत होने लगेगी और सूर्य आसमान से आग उगलने लगेगा।

इसके साथ ही विष्णु पुराण के मुताबिक कलयुग में धरती पर भीषण गर्मी का प्रकोप इतना भयानक होगा कि धरती का पूरा पानी पूरी तरह से सूख जाएगा। धरती कछुए के बीच के समान कठोर हो जाएगी और धीरे-धीरे धरती का अंत होने लगेगा।

यह अलग सामान्य जानकारी पर आधारित से हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।