बिजली संकट पर AAP का हल्ला बोल, दरों में बढ़ोतरी और कटौती पर जताई आपत्ति

कोरबा में आम आदमी पार्टी ने लगातार बिजली कटौती और दरों में बढ़ोतरी के विरोध में ज्ञापन सौंपा, जिसे जनजीवन और राज्य के विकास के लिए गंभीर समस्या बताया गया। पार्टी नेताओं ने छत्तीसगढ़ को बिजली सरप्लस राज्य बताते हुए दरों में वृद्धि को अनुचित और भ्रष्टाचार की आशंका वाला कदम करार दिया।

Abhishek Singh
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बिजली संकट पर AAP का हल्ला बोल, दरों में बढ़ोतरी और कटौती पर जताई आपत्ति

कोरबा में मंगलवार को आम आदमी पार्टी की ओर से बिजली संकट को लेकर एक ज्ञापन सौंपा गया। इस अवसर पर प्रदेश संगठन मंत्री आनंद सिंह ने बताया कि जिले में लगातार हो रही बिजली कटौती के कारण आम जनता को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बिजली की अनुपलब्धता से सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ बाधित हो रही हैं। साथ ही यह स्थिति न केवल व्यक्तिगत स्तर पर परेशानियाँ बढ़ा रही है, बल्कि राज्य के समग्र विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।

लोकसभा अध्यक्ष प्रतिमा सिन्हा ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक बिजली सरप्लस राज्य है और प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। यही कारण है कि यह देश के उन पांच राज्यों में शामिल है जो अन्य राज्यों को बिजली बेचते हैं। हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने तेलंगाना के साथ 1000 मेगावाट बिजली आपूर्ति का एमओयू भी किया है। इसके बावजूद नियामक आयोग द्वारा घाटे का हवाला देकर बिजली दरों में बढ़ोतरी करना न केवल असंगत प्रतीत होता है, बल्कि इससे भ्रष्टाचार की आशंका भी पैदा होती है। उन्होंने कहा कि जिस राज्य के लोगों को मुफ्त बिजली मिलनी चाहिए, वहां के नागरिकों को अब देश की सबसे महंगी बिजली झेलनी पड़ रही है।

बिजली दरों में वृद्धि के विरोध में ‘आप’ की चेतावनी

आम आदमी पार्टी, आपके माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार, प्रशासन और शासन से अपील करती है कि बिजली दरों में बढ़ोतरी के फैसले को वापस लिया जाए और प्रदेशवासियों को 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। पार्टी का कहना है कि यही राज्य के विकास की वास्तविक बुनियाद है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस मांग को कितनी गंभीरता से लेती है। आप पार्टी के अनुसार, कोरबा एक औद्योगिक क्षेत्र है और यहां से कई राज्यों को बिजली की आपूर्ति होती है, इसके बावजूद स्थानीय नागरिक बिजली संकट से जूझ रहे हैं। यदि उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं होती, तो आने वाले दिनों में पार्टी उग्र आंदोलन करने को मजबूर होगी।

बिजली संकट से जूझ रहे सभी शहर-गांव

शहर हो या ग्रामीण इलाका, दोनों ही स्थानों पर बिजली आपूर्ति की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इससे आमजन को अनेक तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है—चाहे वह व्यापारी हों, पढ़ाई करने वाले छात्र हों या घरेलू कार्यों में व्यस्त गृहणियाँ, सभी को बिजली कटौती की वजह से परेशानी झेलनी पड़ रही है।