Grammy Awards 2025 : संगीत उद्योग का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह, 67वां ग्रैमी पुरस्कार सोमवार (3 फरवरी) को हुआ। भारतीय मूल की वैश्विक बिजनेस लीडर और संगीतकार चंद्रिका टंडन ने पुरस्कार जीता। उन्होंने एल्बम ‘त्रिवेणी’ के लिए ग्रैमी पुरस्कार जीता है। इस एल्बम में प्राचीन मंत्रों और विश्व संगीत का सुन्दर मिश्रण देखा जा सकता है। 71 वर्षीय चंद्रिका टंडन ने ‘बेस्ट न्यू एज’, ‘चैंट एल्बम’ श्रेणी में पुरस्कार जीता। टंडन ने बताया कि एल्बम में सात गाने हैं और इसे ध्यान और मन की शांति के लिए रचा गया है।
इस एल्बम में चंद्रिका टंडन दक्षिण अफ़्रीकी बांसुरी वादक वाटर केलरमैन और जापानी सेलो वादक इरु मात्सुमोतो के साथ वैदिक मंत्रों का प्रदर्शन करती हैं। एल्बम का नाम तीन नदियों के संगम के नाम पर ‘त्रिवेणी’ रखा गया है। इसी प्रकार, इसमें तीन अलग-अलग शैलियों का भी प्रतिनिधित्व किया गया है। चंद्रिका टंडन ने अपनी भावनाएं इन शब्दों में व्यक्त कीं, “संगीत प्रेम है, संगीत हम सभी में प्रकाश प्रज्वलित करता है और हमारे जीवन के सबसे अंधेरे समय में भी संगीत खुशी और हंसी फैलाता है।”

कौन हैं भारतीय मूल की सिंगर चंद्रिका टंडन?
चंद्रिका का जन्म चेन्नई के एक पारंपरिक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से अपनी शिक्षा पूरी की। चंद्रिका कृष्णमूर्ति टंडन और उनकी छोटी बहन इंद्रा बचपन से ही संगीत से जुड़ी रही हैं। चंद्रिका को सामवेद की शिक्षा अपने परिवार से प्राप्त हुई। बचपन से ही उन्हें कर्नाटक संगीत के साथ-साथ वैदिक मंत्र भी सिखाए गए।
एक ओर, इंद्रा नूयी ने 12 वर्षों तक पेप्सिको का सीईओ के रूप में नेतृत्व किया और विश्वभर में व्यापार जगत की 50 सबसे शक्तिशाली महिलाओं में से एक बन गईं। दूसरी ओर, चंद्रिका टंडन मैकिन्से में पहली भारतीय-अमेरिकी महिला भागीदार थीं। उन्होंने न्यूयॉर्क स्थित टंडन कैपिटल एसोसिएट्स की स्थापना की। आईआईएम अहमदाबाद से स्नातक चंद्रिका एक वैश्विक व्यापार नेता बन गईं। 2015 में, उन्होंने अपने पति रंजन के साथ मिलकर न्यूयॉर्क स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग को 100 मिलियन डॉलर का दान दिया। अब संगठन ने उनके नाम के साथ टंडन भी जोड़ दिया है।
चंद्रिका ने शास्त्रीय गायिका शुभ्रा गुहा और गायक गिरीश वजलवार से संगीत की शिक्षा ली। इससे पहले, 2010 में उन्हें अपने एल्बम ‘ओम नमो नारायण: सोल कॉल’ के लिए पहला ग्रैमी नामांकन मिला था।