अरे भाई! आमिर खान के प्रोडक्शन में बनी फिल्म laapata ledies तो आपको याद ही होगी? क्या गज़ब की फिल्म थी, लोगों ने इसे हाथों-हाथ लिया और खूब तारीफें भी कीं। लेकिन आजकल ये फिल्म एक बड़े विवाद में फंस गई है – कहानी चोरी के आरोपों को लेकर!
क्या है पूरा मामला?

सोशल मीडिया पर कुछ दिनों से ये दावा किया जा रहा है कि ‘लापता लेडीज’ की कहानी एक फ्रेंच/अरबिक शॉर्ट फिल्म ‘बुर्का सिटी’ से कॉपी की गई है। ये खबर आग की तरह फैली और मामला गरमा गया। अब इस विवाद पर ‘बुर्का सिटी’ के डायरेक्टर फैब्रिस ब्रैक ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है और बताया है कि उन्हें क्यों लगता है कि कहानी मिलती-जुलती है।
‘बुर्का सिटी’ के डायरेक्टर ने क्या कहा?
फ्रेंच फिल्ममेकर फैब्रिस ब्रैक ने एक इंटरव्यू में कहा कि ‘लापता लेडीज’ देखने से पहले ही उन्हें इसका कॉन्सेप्ट अपनी शॉर्ट फिल्म जैसा लगा था। फिल्म देखने के बाद उनकी हैरानी और बढ़ गई। उन्होंने माना कि कहानी को भारतीय रंग-ढंग में ढाला गया है, लेकिन कई खास बातें उनकी शॉर्ट फिल्म से साफ तौर पर मिलती हैं, जैसे: एक भोला-भाला, प्यार करने वाला पति जो अपनी पत्नी खो देता है, और उसकी तुलना एक हिंसक और बुरे पति से की जाती है। एक भ्रष्ट, डराने वाला पुलिस अफसर, जिसके साथ दो सहायक होते हैं – ये सीन भी हूबहू वैसा ही लगता है।
फोटो वाला पल: घूंघट वाली पत्नी की तस्वीर दिखाने वाला क्षण भी काफी मिलता-जुलता है। पति का दुकानों में जाकर घूंघट वाली पत्नी की तस्वीर दिखाना, और फिर दुकानदार की पत्नी का बुर्के में बाहर आना – ये भी ‘बुर्का सिटी’ जैसा ही है। आखिर में पता चलता है कि महिला ने जानबूझकर अपने बुरे पति से बचने के लिए भागने का फैसला किया था। दोनों फिल्मों का महिलाओं की आजादी और नारीवाद का संदेश भी एक जैसा है।
‘लापता लेडीज’ के राइटर का पलटवार सबूतों के साथ!
इन गंभीर आरोपों पर ‘लापता लेडीज’ के लेखक बिप्लब गोस्वामी चुप नहीं बैठे। उन्होंने इन सभी दावों को सिरे से खारिज कर दिया और आरोपों को गलत साबित करने के लिए पुख्ता सबूत भी पेश किए। बिप्लब गोस्वामी ने अपने बयान में साफ कहा: उन्होंने ‘लापता लेडीज’ की कहानी (जिसका शुरुआती नाम ‘टू ब्राइड्स’ था) का विस्तृत सारांश 3 जुलाई 2014 को ही स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन (SWA) में रजिस्टर करवा दिया था! इस 2014 वाले सारांश में ही वो सीन मौजूद था जिसमें दूल्हा गलती से घूंघट की वजह से गलत दुल्हन घर ले आता है। पुलिस स्टेशन जाकर घूंघट वाली तस्वीर दिखाने वाला मज़ेदार सीन भी इसी में था। पूरी फीचर फिल्म की स्क्रिप्ट उन्होंने 30 जून 2018 को SWA में रजिस्टर करवाई थी।